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Gurnam Singh Chaduni: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने दिया दो टूक बयान, “बिना बुलावे के वो किसान आंदोलन में…”

BY: • LAST UPDATED : December 6, 2024
Inkhabar Haryana, Gurnam Singh Chaduni: भारतीय किसान आंदोलन की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने स्पष्ट किया है कि वे मौजूदा किसान आंदोलन में बिना बुलावे के शामिल नहीं होंगे। हालांकि, उन्होंने नैतिक समर्थन देने की बात कही है। चढूनी ने कहा कि आंदोलनकारी किसान नेताओं सरवन पंधेर और ढलेवाल गुट के नेताओं से उनकी बातचीत हुई थी, लेकिन उनके हठी रवैये के कारण सहमति नहीं बन सकी।

सरकार से बातचीत की सलाह

चढूनी ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर सभी किसान जत्थेबंदियां एकजुट होकर आंदोलन करतीं, तो सरकार पर अधिक दबाव बनता और किसानों की मांगों को लेकर सकारात्मक परिणाम सामने आते। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर इस मसले का समाधान निकालना चाहिए।

गुरनाम सिंह चढूनी ने जोर दिया कि केवल आंदोलन करना समाधान नहीं है। उन्होंने सरकार को सलाह दी कि वह किसानों की मांगों को गंभीरता से सुने और मुआवजा जैसी उनकी प्रमुख मांगों को स्वीकार करे। उन्होंने नोएडा में चल रहे किसानों के आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि वहां प्रदर्शन कर रहे किसानों की जायज मांगों को सरकार को मान लेना चाहिए।

उपराष्ट्रपति के बयान पर प्रतिक्रिया

बता दें कि, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चढूनी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उपराष्ट्रपति की भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता से अनबन हुई है, जिसके चलते उन्होंने यह बयान दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि पहले उपराष्ट्रपति ने किसानों की सुध क्यों नहीं ली। चढूनी ने कहा कि अब बयानबाजी से कोई हल नहीं निकलेगा, बल्कि बातचीत और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

नैतिक समर्थन पर जोर

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वे आंदोलन में शारीरिक रूप से भले ही शामिल न हों, लेकिन उनका नैतिक समर्थन हमेशा किसानों के साथ रहेगा। उन्होंने किसान नेताओं को सलाह दी कि वे आपसी मतभेदों को भुलाकर एकजुटता के साथ संघर्ष करें। उनका मानना है कि किसान एकजुट होकर ही अपनी मांगें पूरी करवा सकते हैं।