Inkhabar Haryana, Haryana Farmers Appeal: दक्षिणी हरियाणा के अंतिम छोर पर स्थित महेंद्रगढ़ जिले के कनीना क्षेत्र में बीते कल सुबह आई तेज आंधी और मूसलधार बरसात ने किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। पहले से ही मौसम की मार झेल रहे किसानों के लिए यह तूफान किसी दु:स्वप्न से कम नहीं रहा, जिसने फसलें तो नष्ट की हीं, साथ ही उनकी उम्मीदों और सपनों को भी तहस-नहस कर दिया।
महेंद्रगढ़ जिला मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। यहां के किसान तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, घीया और टमाटर जैसी सब्जियों और फलों की खेती करते हैं। गर्मी की शुरुआत के साथ ही ये फसलें पककर तैयार थीं और किसान उन्हें मंडियों में बेचने की तैयारी कर रहे थे। परंतु बीती रात अचानक मौसम ने करवट ली और आई तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश ने उनकी मेहनत को मिट्टी में मिला दिया।
सुबह जब किसान अपने खेतों में पहुंचे, तो वहां का नज़ारा दिल दहला देने वाला था। कहीं तरबूज के खेतों में पानी भरा हुआ था, तो कहीं टमाटर और ककड़ी की बेलें जमीन पर बिछी पड़ी थीं। कई किसानों की फसलें पूरी तरह बह गईं या तेज हवाओं में टूटकर बिखर गईं। इस प्राकृतिक आपदा से किसान टूट चुके हैं और फूट-फूट कर रोते हुए भगवान से जवाब मांगते नजर आए।
किसानों का कहना है कि उनका पूरा जीवन खेती पर ही निर्भर है। इस बार उन्हें उम्मीद थी कि तरबूज और अन्य सब्जियों से उन्हें अच्छी आमदनी होगी, जिससे वे अपने घर-परिवार का खर्च चला सकें। लेकिन अब सारी मेहनत बर्बाद हो चुकी है और उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। किसानों ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि उन्हें जल्द से जल्द सर्वे करवाकर फसलों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए, ताकि वे दोबारा खेती शुरू कर सकें और अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।