महेंद्रगढ़ जिले में इस बार किसानों के लिए “पीला सोना” कहे जाने वाली सरसों की फसल ने उम्मीदें बढ़ा दी हैं। किसानों का कहना है कि अगर फसल अच्छी होती है, तो वे बच्चों की पढ़ाई, विवाह और मकान आदि पर अच्छा निवेश कर सकते हैं। वहीं, अगर फसल कमजोर होती है, तो आर्थिक तंगी के कारण उनके खर्च सीमित हो जाते हैं। हालांकि, इस बार किसानों को उम्मीद है कि सरसों की अच्छी पैदावार से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में हुई अचानक बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों को नुकसान भी पहुंचाया है। कुछ खेतों में खड़ी फसल खराब हो गई, जिससे प्रभावित किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
फिलहाल, खेतों में किसान सरसों की कटाई में जुटे हुए हैं। कटाई के बाद सरसों निकालने का कार्य शुरू होगा और फिर इसे मंडियों में बिक्री के लिए लाया जाएगा। सरकार ने भी सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर विशेष ध्यान दिया है, ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके।
कृषि विभाग के सहायक पौधारोपण अधिकारी हरपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल महेंद्रगढ़ जिले में:
उन्होंने यह भी बताया कि 28 फरवरी और 1 मार्च को जिले के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हुई थी, जिससे प्रभावित फसलों की गिरदावरी (सर्वे) का कार्य चल रहा है। रिपोर्ट तैयार होते ही इसे सरकार को भेज दिया जाएगा। किसानों ने सरकार की योजनाओं और किसानों के प्रति सरकार के सहयोग को लेकर आभार व्यक्त किया है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरसों की फसल को मंडियों में अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे उनकी मेहनत का सही फल मिल सकेगा।
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