Inkhabar Haryana, Mahendragarh News: दक्षिण हरियाणा के अंतिम छोर पर बसे महेंद्रगढ़ जिले में किसान मुख्यतः खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं। यह इलाका खेती के लिहाज़ से काफी उपजाऊ माना जाता है और यहां के किसान मुख्य रूप से तीन प्रमुख फसलों गेहूं, सरसों और बाजरे की बुवाई करते हैं। मौजूदा समय में सरसों की फसल पूरी तरह पक कर तैयार हो चुकी है और किसान इसे ‘सोना’ कहकर पुकारते हैं। यही ‘सोना’ अब जिले की विभिन्न अनाज मंडियों में पहुंचने लगा है।
अब तक दो लाख क्विंटल की खरीद पूरी
सरकार द्वारा सरसों की सरकारी खरीद का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया गया है। महेंद्रगढ़ जिले की 6 प्रमुख मंडियों में सरसों की खरीद के लिए हर प्रकार की व्यवस्था पूरी कर ली गई है। मार्केटिंग बोर्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसानों की सुविधा के लिए मंडियों में हेल्प डेस्क, बैठने की उचित व्यवस्था और फसल तौल की सुव्यवस्थित प्रक्रिया सुनिश्चित की गई है।
नारनौल मार्केट कमेटी की सचिव मुकुल यादव ने जानकारी दी कि जिले की सभी 6 मंडियों में अब तक लगभग दो लाख क्विंटल सरसों की खरीद की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद 15 मार्च से शुरू हुई थी और सरकार की मंशा है कि किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाए। सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि एक बार में एक किसान की अधिकतम 40 क्विंटल सरसों की खरीद की जाएगी ताकि सभी किसानों को बराबरी से अवसर मिल सके।
सरकार के फैसले से किसान संतुष्ट
नारनौल अनाज मंडी में अपनी फसल बेचने पहुंचे किसानों ने सरकार के फैसले की सराहना की। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है, जिससे उन्हें अपनी मेहनत का पूरा मूल्य मिल रहा है। किसानों का कहना है कि मंडी में उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो रही है और सारी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है।