कृषि मंत्री ने कहा कि खेती सिर्फ भोजन उत्पादन का साधन नहीं, बल्कि रोजगार का भी बड़ा जरिया है। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई तकनीकों और योजनाओं के जरिए कृषि क्षेत्र को और अधिक विकसित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडियों का विस्तार किया जा रहा है, जिससे किसानों को अपनी उपज के बेहतर दाम मिलेंगे।
श्याम सिंह राणा ने किसानों को नई तकनीकों को अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में जहां भी खेती की नई तकनीक विकसित होगी, उसे हरियाणा के किसानों तक जरूर पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार किसानों को शुक्ष्म सिंचाई योजना के तहत 85% सब्सिडी दे रही है और उन्हें नेट हाउस, पॉली हाउस व हाईटेक खेती के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
कृषि मंत्री ने कहा कि गेहूं और कपास जैसी पारंपरिक फसलों की आय सीमित होती है, लेकिन फल, फूल और सब्जियों की खेती में अधिक लाभ की संभावनाएं हैं। इसलिए, सरकार बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजनाएं लागू कर रही है। उन्होंने किसानों से फसल विविधीकरण अपनाने की अपील की, जिससे उनकी आमदनी कई गुना बढ़ सकती है।
श्याम सिंह राणा ने बताया कि राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि देशी गाय की नस्ल पर 30,000 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है और दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतियोगिताओं में आकर्षक इनाम दिए जा रहे हैं।
इस बागवानी मेले में नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास से आए एग्रीकल्चर अटैची ऊरी रूबिंस्टेन ने भी किसानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान अन्नदाता हैं, जो 140 करोड़ लोगों का पेट भरते हैं। उन्होंने किसानों को इजराइली कृषि तकनीकों को अपनाने का सुझाव दिया, जिससे उनकी पैदावार और आमदनी में बढ़ोतरी हो सके।
बागवानी मेले के दौरान 34 प्रगतिशील किसानों को 21,000 रुपये की सम्मान राशि देकर पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा, कृषि और बागवानी विभाग द्वारा लगाए गए विशेष स्टॉलों के माध्यम से किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों और नई तकनीकों की जानकारी दी गई।