यमुनानगर साइबर थाना पुलिस ने जयपुर निवासी शक्तिव्यास (29), जोधपुर निवासी सौरभ कपूर (24) और बिहार के गौराघाट निवासी नीरज कुमार (20) को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताकर महिला डॉक्टर को फंसाया और उनसे लाखों रुपये ठग लिए।
साइबर क्राइम इंस्पेक्टर बलदेव सिंह ने बताया कि आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ के दौरान और भी मामलों का खुलासा हो सकता है।
महिला डॉक्टर के पास 9 नवंबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को दिल्ली साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि डॉक्टर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स और मानव तस्करी के आरोप दर्ज हैं। ठगों ने दावा किया कि 2017 से उनके एचडीएफसी बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे जमा हो रहे हैं।
इसके बाद ठगों ने डॉक्टर को धमकाते हुए कहा कि उनके बैंक खातों की जांच की जाएगी और सभी खातों की जानकारी सीबीआई को दी जानी चाहिए। डॉक्टर को डराकर ठगों ने उनके खातों से 13.2 लाख रुपये एक निर्दिष्ट खाते में जमा करा लिए। ठगी के दौरान, ठगों ने डॉक्टर को मानसिक दबाव में रखने के लिए बार-बार खुद को सीबीआई और साइबर क्राइम अधिकारी बताकर फोन किया।
19 नवंबर को महिला डॉक्टर ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद यमुनानगर साइबर क्राइम पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया। यह साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस की बड़ी सफलता मानी जा रही है।