Inkhabar Haryana, Khalistani Terrorist Kulbir Singh Sidhu: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में हाल ही में एक नाम सुर्खियों में है, कुलबीर सिंह उर्फ सिद्धू। हरियाणा के यमुनानगर का रहने वाला यह व्यक्ति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने सिद्धू की सूचना देने वाले को 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया है। पीलीभीत के कोने-कोने में इस संदिग्ध आतंकी के पोस्टर लगे हैं और सुरक्षा एजेंसियों ने जिले की घेराबंदी कर दी है।
कौन है कुलबीर सिंह सिद्धू?
सिद्धू कोई आम अपराधी नहीं है। वह खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा हुआ है। NIA के अनुसार, सिद्धू का आतंक का नेटवर्क भारत से लेकर पाकिस्तान, कनाडा, इंग्लैंड और ग्रीस तक फैला हुआ है। वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और खालिस्तान समर्थक संगठनों के साथ मिलकर भारत में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
पीलीभीत में 10 महीने में किया नेटवर्क का विस्तार
सिद्धू ने साल 2020-21 के बीच लगभग 10 महीने पीलीभीत में बिताए। इस दौरान उसने युवाओं को विदेश भेजने और वीजा दिलाने का लालच देकर अपने खालिस्तानी एजेंडे में शामिल किया। उसने फर्जी पासपोर्ट बनवाकर कम उम्र के लड़कों को सीमा पार कराने में भी भूमिका निभाई। NIA को जैसे ही इसकी भनक लगी, सिद्धू ने भारत से फरार होकर ग्रीस की राह पकड़ी।
NIA की जांच में यह सामने आया कि 23 दिसंबर 2024 को पीलीभीत में जिन तीन खालिस्तानी आतंकियों का एनकाउंटर हुआ, वे सिद्धू के निर्देश पर काम कर रहे थे। सिद्धू ने इन्हें हथियारों की सप्लाई और ठिकाने देने की व्यवस्था की थी। तीनों को पीलीभीत के पूरनपुर इलाके में छिपाने में मदद की गई थी, जहां बाद में उनका एनकाउंटर हुआ।
ISI और खालिस्तानी संगठनों से सीधा कनेक्शन
पंजाब पुलिस और NIA की रिपोर्टों के अनुसार, सिद्धू का संपर्क पाकिस्तान में छिपे बब्बर खालसा के चीफ वधवा सिंह और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के चीफ रंजीत सिंह नीटा से है। नीटा पर भारत में बम धमाकों और हथियारों की तस्करी के गंभीर आरोप हैं। सिद्धू लंबे समय से नीटा के साथ मिलकर पंजाब में ड्रोन के जरिए हथियार भेजने और युवाओं की भर्ती का काम कर रहा है।
पीलीभीत से पंजाब तक आतंक का फैलाया जाल
सिद्धू का नाम सिर्फ यूपी में ही नहीं, बल्कि पंजाब में भी कई आतंकी घटनाओं में सामने आया है। अप्रैल 2023 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) नेता विकास बग्गा की हत्या की साजिश भी उसी ने रची थी। इसके अलावा, नवंबर से दिसंबर 2024 के बीच वह पंजाब के आठ थाना क्षेत्रों में हुए ग्रेनेड हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। जांच में खुलासा हुआ कि उसने बख्शीवाल पुलिस चौकी पर हमला करने वाले आतंकियों को शरण देने के लिए पीलीभीत में जगह दिलवाई थी।
सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और जांच तेज
NIA और पीलीभीत पुलिस ने इलाके की सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है। टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और शहर में आने-जाने वाली हर गाड़ी की सख्त चेकिंग की जा रही है। स्थानीय नेटवर्क की तलाश में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।