Inkhabar Haryana, BA Paper Leak in Haryana: हरियाणा के सोनीपत में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) की परीक्षा प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सोमवार को हुए BA छठे सेमेस्टर के हिंदी पेपर के दौरान परीक्षा शुरू होने के कुछ ही देर बाद पेपर लीक हो गया और उसकी कॉपियां फोटोकॉपी दुकानों तक पहुंच गईं। वहां नकल की सामग्री आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से तैयार कर छात्रों को दी गई।
सुबह 10 बजे शुरू हुई परीक्षा
MDU की UG/PG परीक्षाएं सुबह 10 बजे शुरू हुई थीं। ठीक आधे घंटे बाद, ककरोई रोड पर स्थित जी फार्म भंडार के पास एक अटल सेवा केंद्र पर BA हिंदी छठे सेमेस्टर का पेपर पहुंच गया। दो युवक वहां पेपर लेकर पहुंचे और फोटोकॉपी की मशीन पर उसकी कॉपियां तैयार करवाईं। इसी दौरान दुकान का संचालक कंप्यूटर पर बैठकर क्वेश्चनों के उत्तर AI तकनीक की मदद से तैयार कर रहा था।
AI से तैयार की गई नकल की पर्चियां
फोटोस्टेट की दुकान पर बैठे युवक ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्स की मदद से क्वेश्चनों के उत्तर खोजे और उन्हें टाइप कर प्रिंट आउट निकाले। छात्रों को यह नकल सामग्री दी गई और वे इसे लेकर वापस परीक्षा केंद्र की ओर लौट गए। दुकान संचालक ने यह भी सुनिश्चित किया कि तैयार की गई कॉपियों को फाड़ कर डस्टबिन में डाल दिया जाए ताकि सबूत न बचे। इस सेंटर पर सिर्फ BA के छात्र ही नहीं, बल्कि PG की छात्राएं भी पहले से नकल की तैयारी करवाने के लिए मौजूद थीं। वे दुकान संचालक को स्पष्ट निर्देश दे रही थीं कि पहले और दूसरे पेज पर कौन से उत्तर होने चाहिए। संचालक ने कुंजी के अनुसार उन्हें प्रश्न और उत्तर बताए, और संबंधित पेज नंबर भी बताए जहां से उत्तर लिए जाने थे।
पुलिस ने की कार्रवाई
सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दुकान से दुकानदार आकाश सहित छह अन्य लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस ने नकल सामग्री, क्वेश्चन पेपर की फोटोकॉपी, मोबाइल फोन और नकद राशि जब्त की। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि पेपर लीक का स्रोत क्या था और इस पूरे रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। ACP राहुल देव ने बताया कि यह मामला गंभीर है और इसमें AI के दुरुपयोग की बात सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना में तकनीक का दुरुपयोग करके शिक्षा व्यवस्था को ठेस पहुंचाई गई है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी स्थगित हुए थे पेपर
गौरतलब है कि भारत-पाकिस्तान के तनाव के कारण 9 और 10 मई को होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं। अब जब परीक्षा दोबारा शुरू हुई तो पहले ही दिन पेपर लीक जैसी गंभीर घटना सामने आई है। विश्वविद्यालय प्रशासन और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों की लापरवाही की यह एक बड़ी मिसाल बन गई है।