Inkhabar Haryana, Haryana school: हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल करने का फैसला लिया है। इस निर्णय के अनुसार, अगले शैक्षणिक सत्र से विद्यार्थियों को अगली कक्षा में दाखिला पाने के लिए पास अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। यदि कोई छात्र निर्धारित अंक नहीं प्राप्त करता है तो उसे एक मर्सी चांस मिलेगा, जिसमें उसे 60 दिन बाद पुनः परीक्षा दी जाएगी। यदि वह फिर से पास नहीं हो पाता, तो उसे अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा।
मर्सी चांस और अतिरिक्त कक्षाएं
यह बदलाव केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा शिक्षा के अधिकार (आरटीई)-2009 में 15 साल बाद किए गए संशोधन के बाद किया जा रहा है। अब हरियाणा सरकार इसे अगले सत्र से लागू करने जा रही है। शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि इससे विद्यार्थियों की लर्निंग लेवल में सुधार होगा और वे अपनी कक्षाओं के पाठ्यक्रम को ठीक से समझ सकेंगे।
नए नियमों के अनुसार, यदि विद्यार्थी परीक्षा में फेल हो जाता है, तो उसे एक मर्सी चांस मिलेगा। इस दौरान विद्यार्थियों को 60 दिनों के भीतर फिर से परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर वह पास नहीं कर पाता है तो उसे अगली कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा। इसके अलावा, जो छात्र कम अंक लाएंगे, उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। स्कूल के प्रमुख को यह अधिकार होगा कि वह अभिभावकों से काउंसलिंग भी करवाएं, ताकि बच्चों की शिक्षा में सुधार हो सके।
शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में कदम
यह निर्णय इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया गया है कि 1 से 8वीं कक्षा तक विद्यार्थियों को फेल न करने से उनकी शैक्षणिक क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ रहा था। इससे बच्चे पिछले पाठ्यक्रम को भूल जाते थे और अगली कक्षा में दाखिला लेकर नए पाठ्यक्रम में भी पिछड़ जाते थे। जब छात्र 9वीं कक्षा में प्रवेश करते थे, तो शिक्षकों को उन्हें बेसिक अवधारणाएं सिखाने में काफी मेहनत करनी पड़ती थी।
स्कूलों को कोई छात्र निकालने का अधिकार नहीं
नए नियमों के तहत, शिक्षा मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि जब तक विद्यार्थी अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं कर लेता, तब तक उसे स्कूल से निकालने का अधिकार नहीं होगा। यदि कोई स्कूल या प्रबंधन इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।