InKhabar Haryana, Salary Of IIT Pass Out: आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए जेईई और जेईई एडवांस जैसी कठिन परीक्षाओं को पास करना पड़ता है, और वहां से ग्रेजुएशन करना भी आसान नहीं होता। इस कठिन परिश्रम के बाद जब कम सैलरी पैकेज ऑफर होता है, तो यह निराशाजनक हो सकता है। हाल ही में आईआईटी बॉम्बे के एक छात्र को मात्र 4 लाख रुपए वार्षिक का सैलरी ऑफर हुआ, जिसने जॉब मार्केट में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।
आईआईटी ग्रेजुएट्स को मिल रही कम सैलरी के कई संभावित कारण हैं। सबसे बड़ा कारण इकोनॉमिक स्लोडाउन है, जो पिछले कुछ सालों में जॉब मार्केट को प्रभावित कर रहा है। महामारी के बाद इंडस्ट्री में नौकरियों की कमी आई है, जिससे ग्रेजुएट्स को अपेक्षा से कम सैलरी मिल रही है।
इसके अलावा, सप्लाई और डिमांड का असंतुलन भी एक बड़ा कारण है। आईआईटी से बड़ी संख्या में छात्र हर साल ग्रेजुएट होते हैं, लेकिन उनके लिए उतनी नौकरियां नहीं हैं, खासकर पारंपरिक इंजीनियरिंग ब्रांचेज़ में। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते उपयोग से भी ट्रेडिशनल इंजीनियरों की मांग घटी है।
स्टार्टअप्स का उदय भी एक बड़ा कारण है, क्योंकि कई आईआईटी ग्रेजुएट्स नौकरी करने के बजाय अपना बिजनेस शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। इसके साथ ही, ग्लोबल स्तर पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने भी सैलरी पर असर डाला है। कंपनियां कम सैलरी में भी अच्छे कैंडिडेट्स पा रही हैं, इसलिए वे ज्यादा खर्च नहीं करना चाहतीं।
हालांकि कंप्यूटर साइंस, डेटा साइंस और एआई जैसी फील्ड्स में डिमांड बनी हुई है, और इन ब्रांचेज़ के कैंडिडेट्स को अभी भी अच्छी सैलरी ऑफर की जा रही है। लेकिन सिविल, केमिकल और मैटालर्जी जैसी ब्रांचेज़ में सैलरी में गिरावट देखी गई है। कुल मिलाकर, बदलते जॉब मार्केट के साथ आईआईटी ग्रेजुएट्स को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।