InKhabar Haryana, Antibiotic Resistance: आजकल एंटीबायोटिक्स का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसकी अति उपयोग से गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। डॉक्टर की सलाह पर बिना सोचे-समझे एंटीबायोटिक्स लेना कई बार खतरनाक साबित हो सकता है। आईसीएमआर की एक रिपोर्ट के अनुसार, बार-बार एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से बैक्टीरिया अब इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधी हो रहे हैं, जिसे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस कहा जाता है।
जब बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है, तो मरीज जल्दी ठीक होने के लिए एंटीबायोटिक्स का सहारा लेते हैं। लेकिन लगातार दवा लेने से बैक्टीरिया खुद को मजबूत बना लेते हैं, जिससे दवा का असर कम हो जाता है। यह स्थिति खासकर टाइफाइड, निमोनिया और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जैसी बीमारियों में देखी जा रही है।
आईसीएमआर ने चिंता व्यक्त की है कि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, निमोनिया और टाइफाइड के इलाज के दौरान एंटीबायोटिक दवाएं प्रभावी नहीं हो रही हैं। इससे न केवल मरीजों का इलाज कठिन हो रहा है, बल्कि इससे जुड़ी जटिलताओं में भी वृद्धि हो रही है। वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ रहा है, जिसके कारण पिछले 25 वर्षों में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। यह स्थिति न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गई है।
इसके लिए जरूरी है कि लोग एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल चिकित्सक की सलाह पर ही करें और इसके दुरुपयोग से बचें। समाज में जागरूकता बढ़ाना और सही जानकारी फैलाना आवश्यक है ताकि इस खतरनाक समस्या से निपटा जा सके।