InKhabar Haryana, Liver Cirrhosis: लिवर, हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और अद्वितीय अंग है। यह न केवल विभिन्न प्रकार की शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करता है, बल्कि यह खुद को पुनर्जीवित करने की भी क्षमता रखता है। सही देखभाल और स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली के साथ, लिवर खुद को रीजेनरेट कर सकता है और कभी भी बूढ़ा नहीं होता। लिवर का 500 से अधिक कार्यों को निभाना इसकी ताकत और महत्व को दर्शाता है। लेकिन आजकल के खराब खानपान और जीवनशैली के कारण लिवर को नुकसान पहुंच रहा है, जिससे लिवर से संबंधित खतरनाक बीमारियों की संख्या बढ़ रही है। इनमें से एक प्रमुख बीमारी है लिवर सिरोसिस।
लिवर सिरोसिस एक गंभीर स्थिति है जहां लिवर के ऊतकों में स्थायी क्षति हो जाती है। इस स्थिति में लिवर के स्वस्थ ऊतक धीरे-धीरे पैथोलॉजिकल ऊतकों द्वारा बदल जाते हैं, जिससे लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
1. अत्यधिक शराब का सेवन
2. क्रोनिक हेपेटाइटिस बी संक्रमण
3. क्रोनिक हेपेटाइटिस सी संक्रमण
4. नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD)
5. कुछ जेनेटिक लिवर बीमारियां जैसे हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन रोग
– भूख में कमी
– जी मिचलाना और उल्टी
– त्वचा और आंखों में पीलापन
– वजन में तेजी से कमी
– पैरों में सूजन और खुजली
– थकान और कमजोरी
अगर लिवर सिरोसिस का इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो यह चौथी स्टेज तक पहुंच सकता है, जो अत्यंत खतरनाक और जानलेवा होती है। चौथी स्टेज में लिवर अपनी कार्यक्षमता खो देता है और इसके कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। सही समय पर इलाज न मिलने पर, एक साल के अंदर मृत्यु हो सकती है।
चौथी स्टेज के लक्षण
1. त्वचा का पीलापन
2. उल्टी के साथ खून आना
3. गहरे रंग का पेशाब और मल
चौथी स्टेज का इलाज
इस स्टेज में इमरजेंसी ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ सकती है, जिसमें सर्जरी के माध्यम से डैमेज लिवर को निकाल कर एक हेल्दी लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है।
लिवर कैंसर का खतरा
जब लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता, तो शरीर से टॉक्सिंस बाहर नहीं निकल पाते, जिससे मानसिक समस्याएं जैसे भ्रम, भटकाव और यादाश्त में कमी उत्पन्न हो सकती है। लंबे समय तक इलाज न कराने पर लिवर कैंसर का भी खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए, लिवर सिरोसिस के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना और उचित इलाज कराना अत्यंत आवश्यक है।