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Mental health issues: प्रदूषण का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव, बढ़ती चिंता और अवसाद के जोखिम से रहें सावधान

• LAST UPDATED : November 16, 2024

Inkhabar Haryana, Mental health issues: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी इसके गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदूषण के संपर्क में रहने से चिंता, अवसाद और मानसिक विकार जैसी समस्याओं के उत्पन्न होने का खतरा बढ़ सकता है। यह समस्या विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा गंभीर हो सकती है।

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मानसिक स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव

 

अध्ययनों से यह सामने आया है कि वायु प्रदूषण केवल फेफड़ों या हृदय से संबंधित समस्याओं का कारण नहीं बनता, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डाल सकता है। प्रदूषित हवा के लगातार संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों में समय के साथ मानसिक विकार, जैसे कि चिंता और अवसाद की समस्याएं विकसित हो सकती हैं। कुछ शोधों में यह भी पाया गया कि प्रदूषण का मस्तिष्क पर दीर्घकालिक असर डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे न्यूरोलॉजिकल रोगों के जोखिम को बढ़ा सकता है।

वायु प्रदूषण का असर बच्चों और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष रूप से गंभीर हो सकता है। खराब वायु गुणवत्ता से प्रभावित बच्चों में भविष्य में मानसिक विकार जैसे बाइपोलर डिसऑर्डर, सिजोफ्रेनिया, व्यक्तित्व विकार और आत्महत्या के विचार विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।

 

विशेषज्ञों की सलाह

 

गुरुग्राम स्थित एक प्रमुख अस्पताल में श्वसन चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार  के अनुसार, प्रदूषण से बचने के लिए कुछ अहम कदम उठाए जाने चाहिए। जैसे कि सभी लोगों को खासकर सुबह और देर शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान वायु गुणवत्ता आमतौर पर सबसे खराब होती है। यदि बाहर जाना जरूरी हो तो N95 या उच्च गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें। ये मास्क वायु में मौजूद हानिकारक कणों को फिल्टर करने में मदद कर सकते हैं।

इसके अलावा, डॉ. कुमार ने घर के अंदर प्रदूषण से बचने के उपायों के बारे में भी बताया। उन्होंने सलाह दी कि एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना एक प्रभावी तरीका हो सकता है, जो घर के अंदर वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। इनडोर पौधे, जैसे कि एलोवेरा और स्नेक प्लांट, भी प्राकृतिक रूप से वायु शुद्धि में मदद कर सकते हैं, जिससे घर के अंदर की हवा साफ और ताजगी से भरी रहती है।

 

प्रदूषण और मानसिक स्वास्थ्य

बचाव की दिशा में दिल्ली और अन्य प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए जागरूक रहना अत्यंत जरूरी है। प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ता जा रहा है और इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। नियमित व्यायाम, योग और ध्यान जैसी मानसिक सेहत को सुधारने वाली गतिविधियां भी इस दिशा में सहायक हो सकती हैं। साथ ही, प्रदूषण से बचने के उपायों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।

 

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