Inkhabar Haryana, Haryana Job Security: हरियाणा में नायब सरकार ने राज्य के अस्थायी कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस फैसले के तहत लगभग 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य संगठनों में कार्यरत हैं। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए वरिष्ठ IAS अधिकारियों की एक समिति का गठन किया था, जिसने नियमों का मसौदा तैयार किया। इस मसौदे को मुख्य सचिव अतुल अग्रवाल ने मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के पास भेज दिया है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलने के बाद, इन नियमों के तहत अस्थायी कर्मचारियों को आउटसोर्सिंग पॉलिसी के माध्यम से जॉब सिक्योरिटी दी जाएगी।
कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ की परिभाषा
सरकार द्वारा तैयार किए गए नए नियमों में “कांट्रेक्चुअल इंप्लाइ” का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। इसमें वे कर्मचारी शामिल हैं जो पूर्णकालिक आधार पर एग्रीमेंट के तहत काम कर रहे हैं। इसके अलावा, जो कर्मचारी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1, पार्ट-2 या हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (HKRNL) के माध्यम से विभिन्न सरकारी संस्थानों में तैनात हैं, वे भी इस श्रेणी में आएंगे।
सरकारी संस्थानों में कौन से कर्मचारी शामिल होंगे?
सरकारी संस्थानों की परिभाषा में वे संगठन आते हैं जो किसी सरकारी विभाग, बोर्ड, निगम या प्राधिकरण से जुड़े हुए हैं। इसके तहत वे सभी संविदा कर्मचारी (Contractual Employees) आएंगे जो हरियाणा इंप्लाइज सिक्योरिटी ऑफ सर्विस एक्ट के तहत कार्यरत थे। यह नियम उन बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, सहकारी बैंक समितियों और अन्य संगठनों पर लागू होंगे, जो हरियाणा सरकार के नियंत्रण में हैं और जहां आउटसोर्सिंग नीति (पार्ट-1 और पार्ट-2) को अपनाया गया था।
जॉब सिक्योरिटी के लिए पात्रता नियम
सरकार द्वारा प्रस्तावित नियमों के अनुसार, जॉब सिक्योरिटी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंड होंगे:
- न्यूनतम सेवा अवधि: कोई भी अस्थायी कर्मचारी जो 15 अगस्त 2024 तक कम से कम 5 वर्षों की सेवा पूरी कर चुका होगा, उसे जॉब सिक्योरिटी मिलेगी। कर्मचारी का मासिक वेतन 50,000 रुपए से कम होना चाहिए।
- लगातार कार्य और वेतन प्राप्ति: यदि किसी कर्मचारी ने किसी विभाग में तीन साल तक कार्य किया और हर साल 240 दिन का वेतन प्राप्त किया है, लेकिन चौथे साल किसी कारणवश ब्रेक हो गया, तो भी उसकी पांच साल की सेवा गिनी जाएगी, बशर्ते पांचवें और छठे साल में उसने 240 दिन का वेतन प्राप्त किया हो।
इसी तरह, अगर कोई कर्मचारी किसी विभाग में चपरासी के रूप में तीन साल कार्य कर चुका है और 240 दिन का वेतन ले चुका है, लेकिन बाद में वह हट गया और छठे और सातवें साल में फिर से 240 दिन का वेतन प्राप्त किया, तो उसकी पांच साल की सेवा पूरी मानी जाएगी और वह जॉब सिक्योरिटी के लिए पात्र होगा।
Karnal News: करनाल डेयरी किसान मेले में छाई मशरूम की जलेबी, लोग ले रहे अनोखे स्वाद का मजा