Inkhabar Haryana, Obesity: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुका है। असंतुलित खानपान, सुस्त जीवनशैली और बढ़ते तनाव के कारण लोग तेजी से मोटापे का शिकार हो रहे हैं। हाल ही में द लैंसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2050 तक भारत में 45 करोड़ लोग मोटापे की गिरफ्त में आ सकते हैं, जबकि वैश्विक स्तर पर यह आंकड़ा 380 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन सकता है।
मोटापे के पीछे कौन-कौन से कारण हैं?
मोटापा केवल अधिक खाने या व्यायाम न करने का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई जटिल कारण होते हैं।
1. असंतुलित खानपान और अनियमित जीवनशैली- आजकल लोग जंक फूड, तले-भुने खाद्य पदार्थ और मीठे पेय पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं। इसके अलावा, अनियमित भोजन और देर रात खाने की आदतें भी वजन बढ़ाने में योगदान देती हैं।
2. फिजिकल एक्टिविटी की कमी- डिजिटल युग में लोग शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे हैं। ऑफिस वर्क, ऑनलाइन क्लास और मोबाइल स्क्रीन पर बिताया गया समय शारीरिक निष्क्रियता को बढ़ा रहा है, जिससे मोटापा बढ़ रहा है।
3. जेनेटिक कारण- अगर परिवार में पहले से ही मोटापे की समस्या है, तो अगली पीढ़ी में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, कुछ लोगों में मोटापे के लिए जिम्मेदार जीन पाए जाते हैं, जो उनके शरीर की ऊर्जा की खपत को प्रभावित करते हैं।
4. हार्मोनल असंतुलन- मोटापे के लिए हार्मोन भी जिम्मेदार हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, लेप्टिन नामक हार्मोन भूख को नियंत्रित करता है। यदि इसका संतुलन बिगड़ जाए तो व्यक्ति जरूरत से ज्यादा खाने लगता है, जिससे मोटापा बढ़ता है। इसी तरह इंसुलिन, थायरॉइड हार्मोन और कोर्टिसोल भी शरीर के वजन को प्रभावित करते हैं।
मोटापा रोकने और नियंत्रित करने के उपाय
1. संतुलित आहार अपनाएं
- हाई-प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन लें।
- जंक फूड, चीनी और अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों से बचें।
- दिन में 5-6 बार छोटे-छोटे मील लें, ताकि मेटाबॉलिज्म सक्रिय बना रहे।
2. नियमित व्यायाम करें
- रोजाना कम से कम 30-45 मिनट शारीरिक गतिविधि करें।
- योग, दौड़ना, वॉकिंग और जिम एक्सरसाइज से मोटापा नियंत्रित किया जा सकता है।
3. नींद और तनाव प्रबंधन पर ध्यान दें
- अच्छी नींद लेने से मेटाबॉलिज्म सही रहता है और वजन नियंत्रित रहता है।
- मेडिटेशन और ब्रेथिंग एक्सरसाइज से तनाव को कम किया जा सकता है, जिससे भावनात्मक खानपान (Emotional Eating) से बचा जा सकता है।
4. पानी का भरपूर सेवन करें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर की चयापचय क्रिया (Metabolism) तेज होती है और अतिरिक्त कैलोरी जलती है।
- भोजन से पहले पानी पीने से भूख कम लगती है और ओवरईटिंग से बचा जा सकता है।