बैठक के बाद अभय चौटाला ने कहा कि पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने को लेकर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों में सभी जिला अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों से इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और उसके बाद पार्टी इस पर कोई ठोस निर्णय लेगी। यह फैसला आने वाले नगर निगम और विधानसभा चुनावों की रणनीति को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
अभय चौटाला ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि इनेलो के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को दोबारा एक्टिव किया जाए। पार्टी का मानना है कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है और आगामी चुनावों में उनकी भागीदारी से पार्टी को मजबूती मिलेगी।
चौटाला ने कांग्रेस की उस मांग पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें नगर निगम चुनावों को बेल्ट पेपर से कराने की बात की गई थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का रवैया दोहरा है। हिमाचल में जब कांग्रेस चुनाव जीती, तो EVM में कोई खराबी नहीं थी, लेकिन हरियाणा में हारने के बाद सारा ठीकरा EVM पर फोड़ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस ने ईवीएम को सही ठहराया था, लेकिन अब अपनी हार को छिपाने के लिए बहाने बना रही है।अभय चौटाला ने हरियाणा में कांग्रेस की हार का सीधा जिम्मेदार पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ठहराया। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार हुई थी, तो कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि यदि INDIA गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ता, तो बीजेपी नहीं जीतती। लेकिन हरियाणा में कांग्रेस ने खुद अकेले चुनाव लड़ा, जिससे साफ होता है कि वह यहां INDIA गठबंधन को कमजोर करना चाहती थी।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार पर टिप्पणी करते हुए अभय चौटाला ने कहा कि यह मान लेना चाहिए कि INDIA गठबंधन सिर्फ संसद चुनावों तक सीमित था। इस गठबंधन की राज्यों में कोई विशेष प्रभाव नहीं दिखा और न ही इसके तहत कोई ठोस रणनीति बनाई गई।
पंजाब में INDIA गठबंधन के असर को लेकर पूछे गए सवाल पर अभय चौटाला ने कहा कि यह सवाल आम आदमी पार्टी से पूछा जाना चाहिए, क्योंकि गठबंधन की स्थिति वहां पूरी तरह से अस्पष्ट बनी हुई है।