Inkhabar Haryana, Bal Mukund Sharma: कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता बाल मुकुंद शर्मा ने पार्टी से बर्खास्तगी पर अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की। इस दौरान उन्होंने अपनी बर्खास्तगी को लेकर गंभीर आरोप लगाए और पार्टी की अंदरूनी राजनीति का खुलासा किया। शर्मा ने बताया कि वह कांग्रेस के साथ पिछले 30 साल से जुड़े हुए थे और हाल ही में उन्हें एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उनकी बर्खास्तगी की सूचना दी गई थी। इस पत्र पर उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उसमें फ़र्ज़ी साइन किए गए हैं।
शर्मा ने पार्टी की हार पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि चुनावों में हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चला और इस दौरान पार्टी के भीतर हाहाकार मचा हुआ था। उन्होंने नैतिकता का हवाला देते हुए कहा कि हार की जिम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष को लेनी चाहिए थी, न कि किसी सदस्य को बर्खास्त किया जाना चाहिए था। उनके मुताबिक, यह पहली बार था जब पार्टी में किसी को इस तरह से बर्खास्त किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग अब टीवी डिबेट्स में कांग्रेस का पक्ष रख रहे हैं, वे पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हैं।
बाल मुकुंद शर्मा ने आगे कहा कि हार के बाद पार्टी में मंथन हो रहा था, जिसमें प्रदेशाध्यक्ष और अन्य नेताओं को बदला जाना था। इस दौरान अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा थी और इसके साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्षों का नाम भी सामने आया। इनमें से आदित्य सुरजेवाला, चिरंजीव राव और उनका खुद का नाम शामिल था। शर्मा ने दावा किया कि जब उनका नाम कार्यकारी अध्यक्ष के लिए लिया गया, फिर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
शर्मा ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हुड्डा ने अपने बेटे को सेफ़ करने के लिए कांग्रेस को बलि चढ़ा दिया और पार्टी की चार सीटें अपने बेटे के लिए छोड़ दीं। शर्मा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से गठबंधन करने की इच्छा जताई थी, लेकिन जयप्रकाश और उनके बेटे के राजनीतिक स्वार्थों के कारण यह गठबंधन नहीं हो पाया। उन्होंने यह भी बताया कि आम आदमी पार्टी के नेता अनुराग ढांडा को कलायत से टिकट दिलाने की वजह से इस गठबंधन पर पानी फिर गया।