Inkhabar Haryana, Dushyant Chautala: हरियाणा के जेजेपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला आज जींद में पार्टी कार्यालय पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने उन्हें “भावी मुख्यमंत्री” बताते हुए नारे लगाए। इस दौरान दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत में बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला और कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर भी तंज कसा।
दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि बीजेपी शासन में प्रशासन पूरी तरह पिछड़ चुका है। उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार की नीतियां जनता के हित में नहीं हैं और यह केवल पुराने वादों को दोहराने में लगी हुई है। उन्होंने पंजाब और हरियाणा की सरकारों को भी किसानों के प्रति रवैये के लिए लताड़ लगाई। खनोरी और शंभु बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ हुई कार्रवाई का जिक्र करते हुए चौटाला ने कहा कि यह दिखाता है कि कैसे पंजाब सरकार, जो खुद को किसानों की समर्थक बताती थी, 24 घंटे के अंदर उन्हें हटाने के लिए सक्रिय हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब, हरियाणा और केंद्र सरकार किसान विरोधी नीतियों पर काम कर रही हैं।
विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस में विपक्ष के नेता के चुनाव को लेकर चौटाला ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बन गए, आगे बिहार का भी बन जाएगा, लेकिन कांग्रेस अभी तक अपना विपक्ष का नेता नहीं चुन पाई। उन्होंने कांग्रेस पर आंतरिक अस्थिरता का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी एक व्यक्ति के दबाव में काम कर रही है और इसका कैडर बिखर चुका है।
हरियाणा के हाल ही में पेश किए गए बजट पर भी दुष्यंत चौटाला ने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि बजट में कोई भी नई योजना लागू नहीं की गई है, बल्कि केवल पुरानी घोषणाओं का ही जिक्र किया गया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदने की बात को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार केवल 23 फसलों पर एमएसपी की बात करती है, तो राज्य सरकार किस आधार पर 24 फसलों की गारंटी दे रही है?
उन्होंने भावांतर योजना की विफलता को उजागर करते हुए बताया कि दो दिनों से बाजरा मंडियों में पड़ा हुआ है, लेकिन चार बार टेंडर निकालने के बावजूद कोई भी फर्म इसे खरीदने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ठेकेदारों के साथ मिलकर टेंडर प्रणाली को आगे बढ़ा रही है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।