Inkhabar Haryana, Elections 2024: देशभर में 2024 के चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज हो चुकी है, और उत्तर प्रदेश के प्रमुख दलों के बीच गठबंधन की नई संभावनाएं नजर आ रही हैं। इस सियासी खेल में आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। भीम आर्मी के प्रमुख के तौर पर चंद्रशेखर ने दलितों और पिछड़ों के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है, जिससे वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती के विकल्प के रूप में उभरे हैं।
जानकारी के अनुसार, चंद्रशेखर आजाद अब हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन कर चुके हैं, जिसे सियासी जानकार एक बड़ा कदम मान रहे हैं। इसके अलावा, ऐसी चर्चाएं भी चल रही हैं कि वह असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है, तो यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई दिशा दे सकता है, जहां वह दलित और मुस्लिम वोटबैंक को मिलाकर ‘डीएम फॉर्मूला’ अपना सकते हैं।
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तो वहीं आपको बता दें, चंद्रशेखर आजाद का उभार मायावती के कमजोर होते प्रभाव के बीच हो रहा है, और उनकी नजरें अब उत्तर प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों पर भी हैं। उन्होंने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन पार्टियों ने राज्यों की स्थिति को बिगाड़ दिया है, और अब नई राजनीति की जरूरत है।
अगर चंद्रशेखर आजाद और ओवैसी का गठबंधन होता है, तो यह गठजोड़ दलित और मुस्लिम समुदायों को एक साथ लाकर यूपी की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। 2024 के चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह गठबंधन चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने में सफल होता है या नहीं।