गोकुल सेतिया द्वारा अनिल विज के पैर छूने की इस घटना ने राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा। आमतौर पर विपक्षी दलों के नेताओं के बीच इस तरह का दृश्य दुर्लभ होता है, खासकर जब अनिल विज जैसे नेता अपनी तीखी टिप्पणियों और स्पष्ट विचारों के लिए जाने जाते हैं।
यह घटना केवल व्यक्तिगत आदर का मामला थी या इसके पीछे कोई सियासी संकेत छिपा हुआ है, इसे लेकर चर्चा जारी है। कई राजनीतिक जानकार इसे हरियाणा की बदलती राजनीतिक स्थितियों और व्यक्तिगत संबंधों के संदर्भ में देख रहे हैं।
अनिल विज का कांग्रेस पर तीखे हमले करने का इतिहास है। बावजूद इसके, गोकुल सेतिया ने जिस तरह सार्वजनिक रूप से उनके प्रति आदर प्रकट किया, वह राजनीतिक रिश्तों की जटिलता को दर्शाता है। कुछ लोग इसे पारंपरिक भारतीय राजनीतिक शिष्टाचार का हिस्सा मान रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत संबंधों की गर्मजोशी कह रहे हैं।