Inkhabar Haryana, Harvinder Kalyan: विधायकों के प्रबोधन कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने भविष्य में प्रशिक्षण कार्यक्रमों की विस्तृत योजना बना ली है। कल्याण विधायी संस्थाओं में युवा और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए भी खाका खींच रहे हैं। उन्होंने विधान सभा सचिवालय में शोध और AI आधारित तकनीकों को प्रोत्साहित करने का भी निश्चय किया है। विधान सभा अध्यक्ष ने यह जानकारी सोमवार को सेक्टर 3 स्थित हरियाणा निवास में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि 14 और 15 फरवरी को आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम ने विधायकों की कार्यक्षमता और विधायी प्रक्रियाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सकारात्मक प्रभाव डाला है। इस कार्यक्रम में विधायकों ने पूरी निष्ठा के साथ भाग लिया और विभिन्न विधायी विषयों में गहरी रुचि दिखाई।
कार्यक्रम के दौरान, आदर्श विधायक बनने के आवश्यक गुण, सदन में प्रश्न पूछने और विभिन्न संसदीय उपकरणों के माध्यम से कार्यपालिका को जवाबदेह बनाने की विधियों पर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही, विधान सभा की समितियों की कार्यप्रणाली, विधायी एवं वित्तीय कार्यों की प्रक्रियाओं और मंत्रियों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित किए गए।
हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक देश, एक विधायिका” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में हरियाणा ने कदम बढ़ा दिए हैं। विधान सभा सचिवालय में शोध और पुस्तकालय के लिए एक विशेष विंग गठित करने की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे विधायकों को आवश्यक संसदीय जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। साथ ही, राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) के माध्यम से विधायकों को डिजिटल संसाधनों के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि विधायी संस्थानों में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए स्थानीय शहरी निकाय, पंचायती राज संस्थानों और सहकारिता सम्मेलनों के माध्यम से संवैधानिक मूल्यों को सशक्त किया जाएगा। इसके अलावा, विधायकों और सचिवालय के कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए लोकसभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) और पंचकूला स्थित हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) की सहायता ली जाएगी।
विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों से अपील की कि वे सदन की कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और विधायी प्रक्रियाओं, नियमों और कानूनों का गहन अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि समिति की बैठकों और सदन की चर्चाओं में भाग लेने से पहले पूरी तैयारी करना आवश्यक है ताकि उनके विचार प्रभावशाली और तथ्यात्मक रूप से मजबूत हों। उन्होंने कहा कि हरियाणा में विधायिका को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने की दिशा में यह प्रयास जारी रहेंगे। इन नवाचारों से न केवल विधायकों की दक्षता बढ़ेगी बल्कि जनता की अपेक्षाओं पर भी वे खरे उतर सकेंगे।