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Haryana Assembly Session: पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

• LAST UPDATED : November 19, 2024

Inkhabar Haryana, Haryana Assembly Session: हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए। हुड्डा का कहना था कि सरकार ने कई अहम मुद्दों पर केवल औपचारिक बयान दिए हैं, लेकिन किसी भी सवाल का ठोस और तसल्लीबख्श जवाब नहीं दिया। उनके द्वारा उठाए गए सवालों में किसानों, बेरोजगारी और राज्य की बिगड़ती आर्थिक स्थिति जैसे विषय प्रमुख थे।

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खाद की कमी और सरकार की नाकामी

हुड्डा ने सबसे पहले खाद की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने यह दावा किया कि खाद उपलब्ध है, लेकिन फिर भी किसानों को खाद के लिए लंबी लाइनें लगानी पड़ रही हैं। उनका सवाल था कि अगर खाद उपलब्ध है तो किसानों को लाइन क्यों लगानी पड़ रही है? इसके अलावा, उन्होंने 12 नवंबर को खाद के स्टॉक के बारे में सवाल किया, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। हुड्डा ने चेतावनी दी कि जैसे ही बिजाई का समय आएगा, खाद काले बाजार में बिकने लगेगी, जिससे किसानों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी।

यूरिया की बढ़ती डिमांड

 

हुड्डा ने यूरिया की बढ़ती मांग पर भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि जैसे-जैसे फसलों की बिजाई का मौसम आएगा, यूरिया की डिमांड और बढ़ेगी, और सरकार के पास इसके लिए कोई ठोस योजना नहीं है। इस संबंध में भी उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला, जिससे यह साबित होता है कि सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया है।

बेरोजगारी और सरकारी नौकरी का वादा

 

हुड्डा ने 2 लाख सरकारी नौकरियों का वादा करने वाली सरकार पर भी निशाना साधा। उनका कहना था कि चुनावों के समय यह वादा किया गया था, लेकिन अब तक इसके बारे में कोई बात नहीं की गई है। सरकार ने बेरोजगारी की समस्या का समाधान करने का कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

आर्थिक स्थिति और राज्य का कर्ज

 

पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि हरियाणा पर 4.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है, जो राज्य की वित्तीय हालत को और खराब कर रहा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 10 साल पहले हरियाणा का आर्थिक स्तर पहले स्थान पर था, लेकिन अब राज्य के 70 प्रतिशत लोग बीपीएल (Below Poverty Line) की श्रेणी में आ चुके हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य की विकास दर में भारी गिरावट आई है और सरकार इसके समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

 

सरकार की नीतियों की आलोचना

 

हुड्डा ने सरकार की नीतियों और उनकी प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार अपनी उपलब्धियों का दावा करने में सफल नहीं हो पाई है और कई मोर्चों पर विफल साबित हुई है। उन्होंने राज्य के विकास को लेकर सरकार की खामियों को उजागर करते हुए इसे प्रदेश के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बताया।

 

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