Inkhabar Haryana, Jagdeep Dhankhar: हरियाणा के सिरसा जिले में आयोजित दीक्षांत समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिरकत की और छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं। वे जननायक चौधरी देवीलाल विद्यापीठ और माता हरकी देवी कॉलेज, ओढां के कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस मौके पर इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला भी मौजूद रहे। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने चौधरी देवी लाल के योगदान को याद किया और उनके प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की।
चौधरी देवी लाल को समर्पित उपराष्ट्रपति का भावुक संबोधन
दीक्षांत समारोह में बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चौधरी देवी लाल के साथ अपने पुराने संबंधों को याद किया। उन्होंने कहा कि मैं आज भी वह दिन याद करता हूं जब मैंने पहली बार चौधरी देवी लाल जी के दर्शन किए थे, जयपुर में। वे शरीर से पराक्रमी और शक्ल से ओजस्वी थे। जब उन्होंने मुझसे कहा कि चुनाव लड़ना है, तो मैंने जवाब दिया कि मैं तो एक ‘Pleader’ (वकील) हूं। तब उन्होंने मुझसे कहा, ‘P’ को हटा दो और ‘Leader’ बनो। यह मेरी राजनीति में शुरुआत थी।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि चाहे वे किसी भी पद पर रहे हों—केंद्र में मंत्री, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल या अब भारत के उपराष्ट्रपति, उनकी सोच और विचारधारा पर चौधरी देवी लाल की शिक्षा-दीक्षा का संपूर्ण प्रभाव रहा है। जब भी जीवन में मेरे सामने शंका उत्पन्न होती है या अलग विचार आते हैं, तो मैं चौधरी साहब की सीख की ओर झुक जाता हूं और किसान व गांव के हित को सर्वोपरि रखता हूं। यही मेरी दृढ़ मान्यता है।
दीक्षांत समारोह में छात्रों को सफलता का मंत्र
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। उन्होंने युवाओं से संघर्ष, अनुशासन और देशसेवा के मूल्यों को अपनाने की अपील की। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर सफल व्यक्ति के पीछे कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन होता है। उन्होंने चौधरी देवी लाल के जीवन से सीख लेकर समाज और राष्ट्र के विकास में योगदान देने का आह्वान किया।
इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला की मौजूदगी
इस कार्यक्रम में इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने उपराष्ट्रपति धनखड़ के संबोधन की सराहना की और चौधरी देवी लाल के योगदान को याद किया। उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ कई बार हरियाणा आ चुके हैं। उनका हरियाणा से विशेष लगाव है क्योंकि वे खुद एक किसान परिवार से आते हैं और चौधरी देवी लाल की नीतियों से प्रेरित हैं।