Inkhabar Haryana, Jaiprakash on Punjab Haryana Water Conflict: उचाना के पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने भाजपा सरकार और उसके नेतृत्व पर जमकर निशाना साधा। हरियाणा और पंजाब के बीच चल रहे पानी विवाद से लेकर पुलिस विभाग के एक डीएसपी से माफ़ी मंगवाने के मुद्दे तक, सांसद ने सरकार को घेरते हुए इसे सत्ता का घमंड करार दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरी घटना भाजपा की अहंकारी मानसिकता और प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है।
डीएसपी माफी मामला पर जयप्रकाश की प्रतिक्रिया
जयप्रकाश ने कहा कि एक वीडियो में डीएसपी से भाजपा नेता द्वारा माफी मंगवाने का दृश्य बेहद अपमानजनक है और यह हरियाणा के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने इसे पुलिस की वर्दी और कानून व्यवस्था की खुली अवहेलना बताया। सांसद का आरोप था कि यह माफी दबाव में दिलवाई गई, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ोली को ललकारते हुए कहा कि अगर पार्टी को अपनी साख बचानी है, तो दोषी व्यक्ति को तुरंत पार्टी से बाहर निकालें। जयप्रकाश ने यह भी सवाल उठाया कि इस पर अब तक भाजपा ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया।
हरियाणा को उसका हक नहीं मिला
हिसार सांसद ने कहा कि हरियाणा को बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) में उसका हक़ नहीं मिला। तीन साल से वहां हरियाणा के अधिकारी की पोस्ट खाली रही और अब जब सवाल उठे तो आनन-फानन में नियुक्ति की बात की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब और हरियाणा सरकार की मिलीभगत से हरियाणा का पानी रोका गया है। उन्होंने बताया कि भिवानी, हिसार और सिरसा क्षेत्र में किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, कपास की बिजाई तक नहीं हो पाई है। सांसद ने यह भी कहा कि जब वे केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से मिलने गए, तो उन्हें समय नहीं दिया गया, क्योंकि सरकार के पास कोई ठोस जवाब नहीं था।
जातिगत जनगणना और कांग्रेस की नीतियां
जयप्रकाश ने जातिगत जनगणना की मांग को कांग्रेस का पुराना मुद्दा बताया और कहा कि बीजेपी को अंततः वही करना पड़ा जो कांग्रेस मांग रही थी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जूत भी खाए, प्याज भी खाए और बात भी माननी पड़ी यह जीत इंडिया गठबंधन की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आरटीआई, मनरेगा, आधार कार्ड और राइट टू फूड जैसे ऐतिहासिक कार्य किए, जिनका बाद में भाजपा ने विरोध किया, लेकिन आज उन्हीं का इस्तेमाल कर रही है।
प्रशासनिक असफलता और भाजपा का ‘अहंकार’
जयप्रकाश ने कहा कि यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद उपजे घमंड का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस, फौज और अन्य संवैधानिक संस्थाओं का अपमान हो रहा है, वह देश और प्रदेश के लिए खतरनाक है। उन्होंने याद दिलाया कि एक बार पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के समय भी ऐसा ही मामला सिरसा में हुआ था, लेकिन तब भी वैसा अपमान नहीं हुआ जैसा आज दिख रहा है।