Inkhabar Haryana, Karan Singh Dalal: हरियाणा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पांच बार विधायक रह चुके करण सिंह दलाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की जांच और सत्यापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई अब दूसरी बेंच करेगी। यह मामला देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और चुनावों की पारदर्शिता से संबंधित है।
करण सिंह दलाल की याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने इस मामले को उस बेंच के पास भेजने का निर्देश दिया है, जिसने हाल ही में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) मामले में EVM के वेरिफिकेशन पर फैसला दिया था। याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने कोर्ट को बताया कि ADR के फैसले में EVM के विभिन्न घटकों के सत्यापन के लिए विशेष निर्देश दिए गए थे, जो मौजूदा याचिका में उठाए गए मुद्दों से संबंधित हैं।
करण सिंह दलाल ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग (ECI) को EVM के चार मुख्य घटकों – कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट, वीवीपैट (VVPAT) और सिंबल लोडिंग यूनिट – की मेमोरी और माइक्रोकंट्रोलर की विस्तृत जांच और सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि यह जांच प्रक्रिया 8 सप्ताह के भीतर पूरी की जाए।
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि EVMs की जांच और सत्यापन का मुद्दा केवल हरियाणा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता से जुड़ा हुआ है। चुनावी प्रक्रिया में नागरिकों का भरोसा बनाए रखने के लिए EVMs की तकनीकी जांच आवश्यक है।
याचिका में जोर देकर कहा गया है कि यह मामला अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे तुरंत हल किया जाना चाहिए। जांच और सत्यापन की प्रक्रिया सुनिश्चित करने से न केवल लोकतांत्रिक प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि भविष्य के चुनावों पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
अब यह देखना होगा कि ADR मामले की बेंच इस याचिका पर क्या रुख अपनाती है। इस याचिका का फैसला देश के चुनावी तंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है।