कुमारी सैलजा ने आगे कहा कि भाजपा की सरकार मणिपुर और संभल की हिंसा पर जवाब देने से बच रही है और जनहित से जुड़े मुद्दों को दरकिनार कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा राहुल गांधी को टारगेट बनाती है ताकि वह इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार से सवाल न पूछ सकें। उनका यह भी कहना था कि भाजपा के शासन में जनता की आवाज दबा दी गई है, चाहे वह किसान आंदोलन हो या कर्मचारी वर्ग की समस्याएं, सरकार के कानों में कोई आवाज नहीं पहुंच रही है।
बता दें कि, कुमारी सैलजा ने भाजपा की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी जनहित के मामलों से मुंह मोड़े हुए है और संसद में राहुल गांधी द्वारा उठाए गए मुद्दों को सरकार नकार रही है। उन्होंने मणिपुर और संभल हिंसा पर सरकार की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा जानबूझकर इन घटनाओं पर चर्चा से बच रही है। उनका यह भी कहना था कि भाजपा नेताओं द्वारा जनहित के मुद्दों की अनदेखी करना लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों को भी कठोर शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि जब किसान अपनी समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन करते हैं, तो उन पर आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज किया जाता है। यह कदम सरकार की दमनकारी नीतियों को उजागर करता है। कुमारी सैलजा ने किसानों के कल्याण के लिए सरकार की नीतियों को असफल बताया और कहा कि यदि सरकार वास्तव में किसानों के मुद्दों का समाधान चाहती है, तो उसे वार्ता की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए।
कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में जनता की ताकत सबसे महत्वपूर्ण है। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने की जनता की इच्छा थी और हवा भी कांग्रेस के पक्ष में थी, लेकिन चुनाव परिणामों ने सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हार के कारणों पर गहराई से मंथन कर रही है, ताकि भविष्य में पार्टी और मजबूत हो सके।