मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने भाजपा सरकार को “झूठी घोषणाओं और जुमलेबाजी” की सरकार करार देते हुए कहा कि यह सरकार वायदे तो बड़े-बड़े करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें भूल जाती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसान आज भी अपनी मांगों को लेकर धरनारत हैं। केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मांगों को लेकर किसानों से वायदे किए थे, लेकिन आज तक उन्हें पूरा नहीं किया गया है। कुमारी सैलजा ने कहा कि एमएसपी को कानूनी दर्जा देना किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जिसे सरकार को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर जिलों में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों में सफाई और कचरा प्रबंधन की स्थिति पर स्थानीय सांसद तक असंतोष जता चुके हैं। इसके बावजूद सरकार आंखें मूंदे बैठी है। कई शहरों में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, और पीने के पानी की स्वच्छता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को तत्काल प्रभाव से कदम उठाने चाहिए।
यातायात की समस्या पर चर्चा करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में कोई ऐसा नगर नहीं है, जो यातायात जाम की समस्या से अछूता हो। ट्रैफिक पुलिस केवल चालान काटने तक सीमित है, जिससे सड़क हादसे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कों की स्थिति भी दयनीय है। जर्जर सड़कों की मरम्मत पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों का आंदोलन सरकार की नीतियों पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। उन्होंने बताया कि 700 से अधिक किसान अपनी जान की कुर्बानी दे चुके हैं, लेकिन उनकी मांगे अब भी अधूरी हैं। नववर्ष के अवसर पर सरकार को एमएसपी को कानूनी दर्जा देने का वायदा पूरा करना चाहिए और इसे किसानों के लिए नववर्ष का तोहफा बनाना चाहिए।
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार को जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए अपने वायदों को पूरा करना चाहिए। उन्होंने नववर्ष पर सरकार से आग्रह किया कि वह जनता की बुनियादी समस्याओं को दूर करने का संकल्प ले और प्रदेश को विकास के मार्ग पर आगे ले जाए।