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Kumari Sheilja: किसानों को रोकने के लिए तुगलकी फरमान जारी करना निंदनीय: सैलजा

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Inkhabar Haryana, Kumari Sheilja: देश के किसान लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। अब किसानों के आंदोलन को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। अंबाला के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) द्वारा किसानों को प्रदर्शन की अनुमति दिल्ली पुलिस से लेने का आदेश जारी किया गया है। इस फैसले की कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने तीखी आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों पर हमला करार दिया है।

तुगलकी आदेश पर सैलजा की कड़ी प्रतिक्रिया

कुमारी सैलजा ने अपने बयान में कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है, जिसे सरकार छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने अंबाला डीसी द्वारा जारी आदेश को “तानाशाहीपूर्ण” बताते हुए कहा कि यह सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता और बौखलाहट को दिखाता है।

डीसी के आदेश के अनुसार, किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए पहले दिल्ली पुलिस से अनुमति लेनी होगी और इसकी जानकारी अंबाला प्रशासन को देनी होगी। इसके साथ ही अंबाला में धारा 163 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध है।

किसानों की मांग और सरकार का रुख

बता दें कि, पिछले कई महीनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से MSP की गारंटी के लिए आंदोलन कर रहे हैं। सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे मजबूर होकर किसान 6 दिसंबर को दिल्ली में प्रदर्शन का निर्णय ले रहे हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान अंबाला में प्रदर्शन नहीं करेंगे, बल्कि वहां से होकर दिल्ली जाएंगे। ऐसे में इस प्रकार के आदेश जारी करना गैरजरूरी और अनुचित है।

किसानों को “अन्नदाता” का दर्जा, लेकिन मांगों की अनदेखी

कुमारी सैलजा ने कहा कि किसान हमारे देश के “अन्नदाता” हैं। वे सरकार से कोई दान या भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अपने उत्पाद का उचित मूल्य और सम्मानजनक जीवन की मांग कर रहे हैं। यह भाजपा सरकार की चुनावी वादों से पलटने की नीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी करने के बजाय उन पर तुगलकी फरमान थोपे जा रहे हैं, जो शर्मनाक है।

सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार न केवल किसानों बल्कि आम जनता की आवाज को दबाने का हरसंभव प्रयास कर रही है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार को छीनकर सरकार अपनी तानाशाही को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस प्रकार की नीतियों से देश में असंतोष और बढ़ेगा।

सरकार को किसानों की मांगों पर ध्यान देना चाहिए

कुमारी सैलजा ने मांग की कि भाजपा सरकार किसानों की मांगों को अनसुना करने की बजाय उन्हें पूरा करे। एमएसपी की गारंटी न केवल किसानों की आय सुनिश्चित करेगी, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र को मजबूती भी देगी। उन्होंने कहा कि सरकार को लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान करते हुए तुगलकी फरमान वापस लेना चाहिए और किसानों के साथ सार्थक संवाद करना चाहिए।