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MLA Gokul Setia: “कांग्रेस नेता मुझे अपना नहीं समझते…”, सिरसा विधायक गोकूल सेतिया का छलका दर्द, कह दी ये बड़ी बात

BY: • LAST UPDATED : May 27, 2025
 Inkhabar Haryana, MLA Gokul Setia: हरियाणा की राजनीति में सिरसा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह हैं कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया, जिन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट में सेतिया ने न केवल कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए, बल्कि यह भी बताया कि किस तरह उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया गया और जब भी उनके साथ अन्याय हुआ, पार्टी के नेता चुप्पी साधे रहे।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थन से मिला था टिकट

गोकुल सेतिया को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थन मिला था, जिसके चलते उन्हें कांग्रेस का टिकट प्राप्त हुआ। लेकिन टिकट वितरण के इस फैसले से सिरसा की राजनीति में दरार पड़ गई। सांसद कुमारी सैलजा के खेमे से जुड़े वरिष्ठ नेता इस फैसले से असंतुष्ट हो गए और खुलकर सेतिया का विरोध शुरू कर दिया। यही से शुरू हुआ टकराव का सिलसिला धीरे-धीरे पार्टी के अंदरूनी मतभेद में बदलता गया।

क्या थी विवाद की वजह?

विवाद की जड़ उस समय और गहराई, जब नगर परिषद चुनाव में चेयरमैन पद को लेकर गहमागहमी शुरू हुई। सांसद सैलजा ने इस पद पर अपने प्रत्याशी को बैठाने के लिए शहीद भगत सिंह स्टेडियम में सांसद कार्यालय तक खोल डाला। मगर विधायक गोकुल सेतिया ने न केवल उनकी मंशा को नकारा बल्कि अपने समर्थक को टिकट दिलाकर चुनावी मैदान में उतार दिया। साथ ही, अपने समर्थित पार्षदों की भी फौज खड़ी की। सेतिया की यह बगावत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को नागवार गुजरी और विरोध स्वरूप कुछ नेताओं ने चुनाव परिणाम आने पर गोभी के पकोड़े बांटकर तंज कसा, जिससे पार्टी की एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए।

तारीफ बनी सियासी सजा की वजह

विवादों की आंच तब और तेज हो गई, जब गोकुल सेतिया ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ कर दी। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने इसे पार्टी लाइन के खिलाफ समझा, और इसके बाद से विधायक को संगठन में अलग-थलग महसूस कराया जाने लगा। विधायक का कहना है कि तारीफ करना गुनाह नहीं है, अगर कोई अच्छा काम करता है तो उसकी सराहना करना राजनीति से ऊपर होना चाहिए। सेतिया ने यह भी कहा कि उन्होंने भाजपा जॉइन नहीं की है, केवल सकारात्मक राजनीति की ओर कदम बढ़ाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब वे जनता की आवाज़ बनते हुए किसी अन्याय के खिलाफ खड़े होते हैं, तो पार्टी का कोई भी नेता उनका साथ क्यों नहीं देता?

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