Inkhabar Haryana, Mock Drill in India: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा तैयारियों को परखने और मजबूत करने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई 2025 को व्यापक स्तर पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है।
सुरक्षा तैयारियों को परखने की पहल
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक पत्र में बताया गया है कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और विभिन्न सरकारी एवं अर्धसैन्य एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करना है। यह अभ्यास पूरे देश के 244 चिन्हित जिलों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को सिविल डिफेंस की मूलभूत जानकारी दी जाएगी। इसमें शामिल होंगे हवाई हमले के सायरन का अभ्यास, ब्लैकआउट उपायों का प्रदर्शन, जरूरी ठिकानों की कैमोफ्लाज (छिपाने) की व्यवस्था, आपात स्थिति में निकासी की योजना, नागरिक सुरक्षा प्रशिक्षण यह अभ्यास जिला अधिकारियों, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, NCC, NSS, NYKS के स्वयंसेवकों, तथा कॉलेज और स्कूल के छात्रों की भागीदारी से संचालित होगा।
54 वर्षों बाद फिर से नागरिक सुरक्षा अभ्यास
सिविल डिफेंस से जुड़ा ऐसा मॉक ड्रिल भारत में पिछली बार 1971 में किया गया था, जब भारत-पाकिस्तान युद्ध के चलते नागरिक सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई थी। उस समय यह युद्ध बांग्लादेश की मुक्ति संग्राम से जुड़ा हुआ था और भारत की पूर्वी एवं पश्चिमी सीमाओं पर सैन्य गतिविधियां तेज हो गई थीं। इसके बाद से अब तक, यानी 54 वर्षों में ऐसा कोई समन्वित नागरिक सुरक्षा अभ्यास नहीं हुआ था, जो इस बार की तरह पूरे देश में संचालित हो रहा है।
PM की सुरक्षा सलाहकारों से लगातार बैठकें
इस मॉक ड्रिल के निर्देश ऐसे समय आए हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरक्षा से जुड़े उच्चस्तरीय अधिकारियों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से एक महत्वपूर्ण बैठक की, जो आधे घंटे से अधिक समय तक चली। इससे पहले पीएम मोदी वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह के साथ भी बैठक कर चुके हैं, और सेना तथा नौसेना के प्रमुखों से भी चर्चा हो चुकी है।