Inkhabar Haryana, Punjab Haryana Water Dispute: पंजाब हरियाणा के जल विवाद को लेकर आज पंजाब के सीएम भगवंत मान ने सर्वदलीय बैठक की। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने पंजाब के हितों की सक्षा के लिए पंजाब का समर्थन किया है।
पीएम मोदी से मिलेंगे पंजाब सीएम मान
बैठक में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा और अन्य दलों ने मिलकर यह स्पष्ट कर दिया कि पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है और वह अपने हिस्से से ज्यादा पानी देने की स्थिति में नहीं है। बैठक के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने घोषणा की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय लेंगे और पंजाब का पक्ष मजबूती से उनके सामने रखेंगे। यह मुलाकात 5 मई को विधानसभा के विशेष सत्र के बाद तय की जाएगी।
हरियाणा को दिया 4000 क्यूसेक पानी- मान
सीएम मान ने बैठक के बाद कहा कि हरियाणा को पहले ही उसके हिस्से का पानी मिल चुका है। अब पंजाब किसी भी सूरत में और पानी नहीं देगा। मैं सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करता हूं, जो इस मुद्दे पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब के साथ खड़े हुए हैं।
इस सर्वसम्मति को और बल उस समय मिला जब भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने भी पंजाब का पक्ष लिया। उन्होंने कहा कि अगर पंजाब के पास पानी नहीं है तो वह किसी को नहीं दे सकता। मुख्यमंत्री भगवंत मान पहले ही हरियाणा को 4000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दे चुके हैं, इस फैसले पर किसी भी पार्टी ने आपत्ति नहीं जताई।
सीएम नायब सैनी का मान को पलटवार
हालांकि, हरियाणा की ओर से इस रुख पर तीखी प्रतिक्रिया आई। हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने सीएम मान के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि पंजाब को इस पवित्र भूमि पर घटिया राजनीति नहीं करनी चाहिए। अगर पंजाब के लोगों को कभी पानी की जरूरत पड़ी, तो हरियाणा जमीन के नीचे से भी पानी निकाल कर उनकी प्यास बुझाएगा। हम सिंचाई के लिए नहीं, पीने के लिए पानी मांग रहे हैं, जिसे पंजाब को देना चाहिए।”
इस विवाद के बीच, आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक पर सभी की नजरें टिकी हैं। यह देखना अहम होगा कि केंद्र सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है, क्योंकि जल विवाद केवल दो राज्यों का मामला नहीं, बल्कि पूरे देश के संघीय ढांचे और जल संसाधनों के न्यायसंगत वितरण से जुड़ा सवाल बन चुका है।