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Rambilas Sharma: जब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद रामबिलास शर्मा एक जुझारू नेता के रूप में उबरे

BY: • LAST UPDATED : September 9, 2024

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Inkhabar Haryana, Rambilas Sharma: हरियाणा BJP के मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा की महेंद्रगढ़ के साथ-साथ हरियाणा में भी एक जुझारू नेता के रूप में पहचान होती है। महेंद्रगढ़ जिले के गांव निवाज नगर निवासी मानसिंह सैनी ने रामबिलास की मेहनत की कहानी प्रेस विज्ञप्ति से बताया कि 1984 में स्व. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भी दंगे भड़क गए थे। वहीं बेगुनाह लोगों को मौत का शिकार होना पड़ा था।

नारनौल शहर थाना में हुआ करता था एक सरदार थानेदार

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का आरोप पंजाब के 2 युवकों पर लगा था जो उनकी सुरक्षा में तैनात थे। जिसके कारण पंजाब के लोग पूरे देश में लोगों के निशाने पर थे। उन्होंने बताया कि नारनौल शहर थाना में उस समय एक सरदार थानेदार होता था। दंगों की वजह से नारनौल में तैनात थानेदार की मौत हो गई थी। तब पुलिस ने उस थानेदार की मौत के आरोप में लगभग 240 लोगों को गिरफ्तार कर भिवानी जेल में बंद कर दिया था। जिसमें अधिकांश सैनी बिरादरी के लोग थे। पुलिस प्रशासन द्वारा शहर में पुलिस थानेदार की हत्या के बाद किए गए तांडव के चलते नारनौल शहर के सैनीपुरा, पीरागा, इस्लामपुर और खड़खड़ी आदि मोहल्लों में लोगों ने घरों से निकलकर अपनी जान बचाई थी। घरों में रह रहे पशुओं को चारा व पानी पिलाने वाला आदमी भी घर में नहीं था। उस वक्त महेंद्रगढ़ से प्रो. रामबिलास शर्मा विधायक हुआ करते थे।

 

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विधायक रामबिलास शर्मा ने बनाई टीम

बता दें कि प्रो. रामबिलास शर्मा ने भिवानी जेल में बंद 240 लोगों को छुड़ाने की कमान संभाल रखी थी। रामबिलास शर्मा ने अपने साथियों की एक टीम बनाई। जो घर-घर पहुंच दरवाजे तोड़ चारे और पानी से परेशान पशुओं को चारा डालकर पानी पिलाने का काम कर रहे थें। उस वक्त के भाजपा नेता डॉक्टर मंगल सेन का नारनौल में प्रोग्राम रखवा कर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ धरना और प्रदर्शन शुरू करवा दिया। विधायक रामबिलास शर्मा ने मुरारी पंचर वाले को शहर में मंगल सेन के प्रोग्राम को लेकर मुनादी करवाने के लिए भेजा था।

रामबिलास शर्मा ने रिक्शा चलाकर मुनादी की

बता दें कि जब मुरारी पंचर वाला शहर में मुनादी करने के लिए निकला तो पुलिस ने उसको पकड़ना चाहा था। फिर भी मुरारी भागने में सफल रहा। मुरारी ने यह बात विधायक रामबिलास शर्मा को आकर बताई तो रामबिलास शर्मा ने स्वयं रिक्शा चलाकर मुनादी की। रामबिलास शर्मा ने तत्कालीन जिला उपायुक्त एससी चौधरी और पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र बिश्नोई को चेतावनी भरे लब्जे में कहा कि नारनौल के निर्दोष 240 गिरफ्तार लोगों को जब तक शासन प्रशासन नहीं छोड़ेगा। उनका शासन व प्रशासन के खिलाफ धरना और प्रदर्शन जारी रहेगा।

 

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भजनलाल सरकार को झुकना पड़ा

बता दें कि विधायक रामबिलास शर्मा ने नूनी वाला पेट्रोल पंप पर अपना दफ्तर बना लिया था। लगभग 9 दिन तक नारनौल शहर पूरी तरहा बंद रहा। स्वास्थ्य सेवाएं भी बंद रही किसी भी दुकान पर एक भी सामान नहीं मिला। पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के लंबे संघर्ष के बाद उस वक्त के मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल ने  रामबिलास शर्मा को दिल्ली हरियाणा भवन में बुलाया था।जिसके बाद भजनलाल ने कहा कि आप जेल में बंद लोगों की जमानत करवा लो बाद में हम सोचेगें। लेकिन रामबिलास शर्मा इस बात पर अड़े रहे कि जब तक भिवानी जेल में बंद सभी 240 लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा। वह आंदोलन खत्म नहीं करेगें। आखिरकार प्रो. रामबिलास शर्मा के आंदोलन को देखकर उस वक्त के मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार झुक गई। जिसके बाद 5 बसों में भिवानी से जेल में बंद सभी लोगों को छोड़ा गया। तब जाकर प्रो. रामबिलास शर्मा ने धरना समाप्त किया था। नारनौल में दिवाली से भी ज्यादा खुशियां मनाई गई थीं।

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