Inkhabar Haryana, Randeep Surjewala: हरियाणा में हाल ही में एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिसे कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ‘व्यापम स्कैम’ की तर्ज पर ‘नक़ली डॉक्टर घोटाला’ करार दिया है। इस घोटाले में ‘पर्ची-खर्ची’ सिस्टम के जरिए अवैध तरीके से डॉक्टर बनाए जाने का आरोप है। यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि उन योग्य छात्रों के साथ अन्याय भी करता है जो मेरिट के आधार पर डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं।
कांग्रेस नेता ने भाजपा सरकार से कई गंभीर सवाल पूछे हैं, जिनका जवाब अब जनता मांग रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह अवैध खेल कितने वर्षों से चल रहा है और अब तक कितने ‘नक़ली डॉक्टर’ इस सिस्टम के जरिए तैयार किए गए हैं? यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो यह पूरे स्वास्थ्य ढांचे के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है, क्योंकि मरीजों का इलाज ऐसे लोगों के हाथों में होगा, जिनके पास कोई वैध योग्यता नहीं है।
इस घोटाले में करोड़ों-अरबों रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है। कांग्रेस का आरोप है कि यह पैसा निचले स्तर से लेकर उच्चतम पदों तक पहुंचता रहा है। यह भी पूछा जा रहा है कि खट्टर और नायब सैनी सरकारों में इस अवैध कमाई का असली लाभार्थी कौन था? क्या सरकार इस बारे में स्पष्ट जवाब देगी?
जो छात्र योग्यता के आधार पर डॉक्टर बनने की कोशिश कर रहे थे, वे इस घोटाले के कारण अपने अधिकार से वंचित हो गए। सवाल यह उठता है कि इन छात्रों की मेरिट कैसे बहाल की जाएगी? क्या सरकार ऐसे छात्रों के लिए कोई पुनर्वास योजना लाएगी?
अब जब इस मामले का खुलासा हो चुका है, तो जनता यह जानना चाहती है कि इन नकली डॉक्टरों के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? क्या इनकी डिग्रियां रद्द की जाएंगी और उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा?