Inkhabar Haryana, Satpal Jamba: सुशासन दिवस के मौके पर, जहां सरकार अपनी उपलब्धियों का गुणगान कर रही थी, पूंडरी से भाजपा विधायक सतपाल जांबा ने अपनी ही सरकार की गुड गवर्नेंस पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने मंच से खुलकर कहा कि उनके क्षेत्र में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जबकि नशा खुलेआम दुकानों पर बिक रहा है। उन्होंने भ्रष्टाचार और प्रशासन की निष्क्रियता को भी कठघरे में खड़ा किया।
विधायक जांबा ने जिले में शिक्षा की स्थिति को चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र के ढांड गांव में 478 बच्चों के लिए केवल पांच सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे हालातों में बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी? कैसे कहें कि यह गुड गवर्नेंस है?
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, लेकिन इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उन्होंने प्रशासन से इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की मांग की।
विधायक ने नशे की समस्या को जिले के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में नशा खुलेआम दुकानों पर बिक रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने पुलिस प्रशासन को नशा बेचने वालों की सूची सौंपी है, लेकिन पुलिस सुबह उन्हें पकड़ती है और शाम को छोड़ देती है। यह युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर रहा है।
जांबा ने प्रशासन से मांग की कि नशे की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
विधायक जांबा ने खुले मंच से प्रशासन में भ्रष्टाचार पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “मेरे पास भ्रष्ट अधिकारियों की पूरी सूची है, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग किया है। अगर समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो मैं यह सूची सार्वजनिक करूंगा।”
उन्होंने सरकार और प्रशासन से इन मामलों को गंभीरता से लेने की अपील की।
जब विधायक सतपाल जांबा मंच पर बोल रहे थे, तो विधानसभा अध्यक्ष हरेंद्र कल्याण ने उन्हें बीच में रोकने की कोशिश की। हालांकि, जांबा ने अपनी बात जारी रखी और प्रशासन की कमियां गिनवाईं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की यह जिम्मेदारी है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान प्रशासन के माध्यम से करवाएं। जो मुद्दे विधायक ने उठाए हैं, निश्चित रूप से प्रशासन उन्हें संज्ञान में लेगा।
विधायक के इन बयानों से भाजपा के भीतर असहज स्थिति पैदा हो गई है। हालांकि, विधायक ने स्पष्ट किया कि उनकी मंशा सरकार की आलोचना करना नहीं है, बल्कि प्रदेश की समस्याओं को हल करने की दिशा में ध्यान आकर्षित करना है।
विधायक जांबा के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब यह देखना होगा कि सरकार इन मुद्दों पर क्या कदम उठाती है और विधायक के आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है।