जब श्री नैना प्लास्टिक कंपनी ने ये चेक बैंक में जमा किए, तो खाते में धन की कमी के कारण वे बाउंस हो गए। कंपनी ने जल्टा फूड एंड बेवरेजेज को इस बारे में सूचित किया, लेकिन दो महीने बीतने के बावजूद भुगतान नहीं हुआ। इसके बाद कानूनी नोटिस जारी कर 15 दिनों के भीतर भुगतान करने की मांग की गई। बावजूद इसके, जब कंपनी ने राशि नहीं चुकाई, तो चेक बाउंस का मामला अदालत में दायर कर दिया गया।
शिकायतकर्ता कंपनी के वकील विकास सागर के अनुसार, जल्टा फूड एंड बेवरेजेज के तीन निदेशकों—विनोद सहवाग, विष्णु मित्तल और सुधीर मल्होत्रा के खिलाफ यह मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में पिछले साल ट्रायल कोर्ट ने तीनों निदेशकों को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया था। हालांकि, विनोद सहवाग ने इस समन के खिलाफ सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने खुद को दोषी ठहराने के फैसले को गलत बताया। उनका दावा है कि वह न तो इस कंपनी के निदेशक हैं, न ही कर्मचारी, और न ही कंपनी के रोजमर्रा के कामकाज में उनकी कोई भूमिका थी।
अब इस मामले में विनोद सहवाग को अदालत में पेश किया गया है। उनके वकील ने जमानत के लिए याचिका दायर कर दी है, लेकिन पुलिस ने जमानत का विरोध किया है। अदालत इस मामले पर जल्द ही फैसला सुनाएगी। यह मामला हाई-प्रोफाइल होने के कारण चर्चा में है, क्योंकि इसमें भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज वीरेंद्र सहवाग के भाई का नाम जुड़ा है। अब देखना यह होगा कि अदालत का अगला कदम क्या होगा और क्या विनोद सहवाग को इस मामले में राहत मिलेगी या नहीं।