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Aadhaar problems in Faridabad: फरीदाबाद के आधार सेंटर में अव्यवस्था का बोलबाला, सुबह 5 बजे से लगती है लाइन, फिर भी नहीं मिलता टोकन

BY: • LAST UPDATED : June 3, 2025
Inkhabar Haryana, Aadhaar problems in Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद सेक्टर 12 स्थित आधरा कार्ड सेंटर में इन दिनो कुछ ऐसा नजारा दिख रहा हैं, जहां लोगों को आधार अपडेट करवाने के लिए सुबह 5 बजे से लाइ लगानी पड़ रही हैं। यहां रोज़ाना सैकड़ों लोग आधार कार्ड में सुधार या अपडेट करवाने के लिए लंबी कतारों में खड़े नजर आते हैं। लेकिन बदइंतजामी का आलम ये है कि टोकन लेने के बाद भी लोगों को खाली हाथ लौटना पड़ता है।

सुबह 5 बजे से शुरू हो जाती है जद्दोजहद

सेंटर पर पहुंचे लोगों का कहना है कि अगर समय पर टोकन चाहिए तो सुबह 5:00 बजे से पहले पहुंचना पड़ता है, क्योंकि यहां “पहले आओ, पहले पाओ” की तर्ज पर टोकन बांटे जाते हैं। लेकिन टोकन देने वाले कर्मचारी 8:30 से 9:00 बजे के बीच ही आते हैं, जिससे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। सिही गांव से आए दयानंद ने बताया कि वे अपनी छह महीने की बेटी के आधार कार्ड में एक मामूली करेक्शन कराने आए थे, जिसके लिए उन्हें सुबह 5:30 बजे ही सेंटर पहुंचना पड़ा। लेकिन दो दिन पहले जब वह 9:30 बजे आए थे, तो टोकन खत्म हो चुके थे और उन्हें वापस लौटना पड़ा था।

टोकन मिल जाए तो भी गारंटी नहीं

जवाहर कॉलोनी के दीपांशु, जो अपनी मां के आधार में नाम ठीक कराने आए थे, ने बताया कि नाइट ड्यूटी के बाद सीधे सुबह 6 बजे सेंटर पहुंचने के बावजूद उन्हें भारी भीड़ का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि लोग छोटे बच्चों और बुजुर्गों को लेकर आते हैं, लेकिन यहां कोई प्राथमिकता या सहूलियत नहीं मिलती। दीपांशु ने आगे बताया कि टोकन मिलने के बाद भी यह तय नहीं होता कि आपका काम उसी दिन होगा। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही करेक्शन का समय तय है, उसके बाद कर्मचारी काम करने से मना कर देते हैं।

प्रबंधन व्यवस्था पर उठते सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि आधार जैसे जरूरी दस्तावेज से जुड़ी सेवाओं के लिए ऐसी अव्यवस्था न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि यह सरकारी सेवाओं की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करती है। न ही यहां ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सिस्टम प्रभावी है, और न ही कोई हेल्प डेस्क जिससे बुजुर्गों या जरूरतमंदों की सहायता की जा सके।

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जनता की मांग

लोगों की मांग है कि सेंटर पर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए, टोकन सिस्टम को डिजिटल किया जाए, और अपॉइंटमेंट आधारित प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाए। साथ ही बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के साथ आने वालों के लिए प्राथमिकता की व्यवस्था होनी चाहिए।