Inkhabar Haryana, Anil Vij: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस और ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। यह कार्यक्रम अंबाला छावनी के खुखरैन भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी प्रतिष्ठित महिलाओं और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने कहा किPM नरेंद्र मोदी द्वारा 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। आज महिलाएं पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, और यह देश के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में सरकार के प्रयास
इस मौके पर अनिल विज ने महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने समाज में उत्कृष्ट योगदान देने वाली 35 महिलाओं को “सुषमा स्वराज अवार्ड” से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाली महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का भी प्रावधान किया है।उन्होंने यह भी बताया कि देश की राष्ट्रपति और दिल्ली की मुख्यमंत्री दोनों महिलाएं हैं, जो इस बात का प्रतीक है कि महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी को श्रद्धांजलि
मंत्री अनिल विज ने ब्रह्माकुमारी कृष्णा दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ज्ञान और आध्यात्मिक शांति का प्रसार किया। उन्होंने कृष्णा दीदी से अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उनके चेहरे पर हमेशा शांति और खुशी का भाव देखने को मिला। उनमें परमात्मा के गुण झलकते थे। उन्होंने आगे कहा कि ब्रह्माकुमारी संगठन के देशभर में 5000 से अधिक केंद्र हैं, जो समाज में शांति और ज्ञान का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने मानव सेवा की महत्ता को समझाते हुए नदी और सागर की एक प्रेरणादायक कहानी भी साझा की।
मानव जीवन का उद्देश्य और अध्यात्म का महत्व
मंत्री अनिल विज ने अपने भाषण में जीवन के मूल उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि याद उन्हीं की की जाती है, जो अपने कार्यों से दूसरों को रास्ता दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन परमात्मा में विलीन होने के लिए है, और जब तक सही मार्ग नहीं मिलता, व्यक्ति भटकता रहता है। उन्होंने यह भी कहा कि शांति केवल परमात्मा को पहचानने से प्राप्त होती है। इसी संदर्भ में उन्होंने साधु और जिन्न की कहानी सुनाई, जिसमें बताया गया कि अगर व्यक्ति परमात्मा को सच्चे हृदय से याद करता है, तो उसके सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं।
एकाग्रता और सच्ची आस्था का महत्व
मंत्री अनिल विज ने धर्म और आस्था पर जोर देते हुए कहा कि कई लोग एक समय में कई जगहों पर आस्था रखते हैं, जिससे वे अपने मार्ग से भटक जाते हैं। उन्होंने एक साधु और धोबी की कहानी सुनाई, जिसमें यह संदेश था कि यदि व्यक्ति एक ही स्थान पर अपनी आस्था बनाए रखे, तो उसकी प्रार्थना अवश्य पूर्ण होती है। उन्होंने धर्म के वास्तविक अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि “धर्म” तीन अक्षरों से बना है – “ध” से धारण करना, “र” से रास्ता, और “म” से मोक्ष। जो धर्म इन तीनों सिद्धांतों को पूरा करता है, वही सच्चा धर्म होता है।