Ayushman Bharat Scheme: करनाल में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों ने इलाज रोकने का फैसला लिया है। इसका कारण योजना में भ्रष्टाचार और भुगतान में देरी बताया जा रहा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) करनाल के जिला प्रधान, रोहित सदाना ने बताया कि अस्पतालों को सरकार की ओर से 18 करोड़ रुपये का भुगतान अटका हुआ है। इसके चलते अस्पतालों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सदाना ने कहा कि आयुष्मान योजना आम जनता के लिए बहुत लाभकारी है, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से यह सही तरीके से काम नहीं कर पा रही है। हाल ही में योजना के डिप्टी सीईओ डॉ. रवि को रिश्वत लेते पकड़ा गया, जिससे योजना में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। निजी अस्पतालों का कहना है कि जब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता, तब तक वे आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे।
इसका सीधा असर जिले के साढ़े सात लाख आयुष्मान कार्डधारकों पर पड़ा है। अब उन्हें निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि अगर कोई गंभीर बीमारी होती है, तो उन्हें मुफ्त इलाज मिलना मुश्किल हो जाएगा। इससे लोगों के सामने स्वास्थ्य सेवाओं का संकट खड़ा हो गया है।
आईएमए ने सरकार से अपील की है कि वह तुरंत इस मुद्दे पर ध्यान दे और अस्पतालों का भुगतान जल्दी से जल्दी करे, ताकि योजना फिर से सुचारू रूप से चल सके। जब तक सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद रखेंगे। डॉक्टरों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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