भिवानी के देव नगर कॉलोनी निवासी मोहित की शादी राजस्थान की मीनू के साथ हुई। मोहित का खुद का कारोबार है और वह अपने काम से पूरी तरह संतुष्ट हैं। उनकी सोच भी समाज की रूढ़ियों से हटकर है। मोहित ने अपनी शादी में मिलने वाले 21 लाख रुपये के दहेज को ठुकरा दिया और सिर्फ एक नारियल और एक रुपये के साथ अपनी दुल्हन को सम्मानपूर्वक घर लेकर आए। मोहित का कहना है कि उनके माता-पिता की यह सोच थी कि वे अपने घर में बहू नहीं, बल्कि बेटी लेकर आएं।
मीनू के लिए यह शादी बेहद खास रही। उन्होंने कहा, “मेरे लिए मेरे पति और उनके परिवार की इज्जत उस दिन बहुत बढ़ गई जब इन्होंने पैसे छोड़कर मुझे सम्मान के साथ अपनाने का फैसला किया।” आमतौर पर समाज में यह धारणा बनी हुई है कि कम दहेज लाने वाली लड़की को ससुराल में ताने सुनने पड़ते हैं, लेकिन यहां हालात बिल्कुल उलट हैं। मीनू के अनुसार, उनके ससुरालवालों ने न केवल दहेज को ठुकराया, बल्कि उन्हें पूरा सम्मान और प्यार भी दिया।
मोहित के माता-पिता ने भी अपनी सोच को खुलकर सामने रखा। उनकी मां सीमा और पिता का कहना है कि उन्होंने दहेज को नकार कर अपने घर में “बेटी को सम्मान सहित” लाने का फैसला किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे अपने छोटे बेटे की शादी भी बिना दहेज के करेंगे। इस शादी में सिर्फ 11 लोग बारात में जाएंगे और दुल्हन को पूरे सम्मान के साथ घर लाया जाएगा। उनका मानना है कि शादी में अनावश्यक खर्च करने के बजाय अपने शौक अपने पैसों से पूरे करने चाहिए।