यह अभियान देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 347 जिलों में लागू किया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य टीबी के मामलों का समय पर पता लगाना, उपचार में होने वाली देरी को कम करना और विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूहों (हाई रिस्क ग्रुप्स) में उपचार के परिणामों को सुधारना है।
भारत टीबी से सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, टीबी वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। यह अभियान न केवल टीबी के मामलों को कम करेगा, बल्कि इसे उन्मूलन की दिशा में भारत के संकल्प को भी दर्शाता है।
कार्यक्रम के दौरान देशव्यापी रणनीतियों पर चर्चा होगी, जिनमें टीबी से लड़ने के लिए जागरूकता अभियान, उन्नत चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता और उपचार में सुधार जैसे विषय शामिल होंगे।
सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक भारत से टीबी का पूरी तरह से उन्मूलन किया जाए। इस अभियान के माध्यम से, सरकार टीबी के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों और समुदायों तक पहुंचने, बीमारी के मामलों का सही समय पर निदान करने और रोगियों को उचित उपचार प्रदान करने का प्रयास करेगी।