हाईकोर्ट की फुल कोर्ट बैठक में सभी न्यायमूर्ति (जज) शामिल होते हैं और किसी भी बड़े मुद्दे पर विचार-विमर्श करके निर्णय लेते हैं। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि हरियाणा का अलग हाईकोर्ट बनाने के प्रस्ताव पर न्यायपालिका से राय लेना जरूरी था। हालांकि, इस बार की बैठक में इस मुद्दे पर कोई ठोस राय सामने नहीं आ पाई।
हरियाणा सरकार का तर्क है कि एक अलग हाईकोर्ट राज्य की न्याय व्यवस्था को और मजबूत करेगा तथा न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी लाएगा। दूसरी ओर, पंजाब सरकार का मानना है कि साझा हाईकोर्ट व्यवस्था जारी रहनी चाहिए क्योंकि इससे प्रशासनिक और न्यायिक संतुलन बना हुआ है।
इस प्रस्ताव के अस्वीकार होने और फुल कोर्ट में कोई निर्णय न निकलने से यह मुद्दा फिलहाल टल गया है। हरियाणा के लिए यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह मुद्दा लंबे समय से राज्य की प्राथमिकताओं में रहा है। अब यह देखना होगा कि हरियाणा सरकार इसे लेकर क्या अगला कदम उठाती है।