Inkhabar Haryana, Chandigarh News: हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार और कदाचार के मामलों में ज़ीरो टॉलरेंस नीति को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने हरियाणा रियल एस्टेट विनिमय और विकास नियम 2017 में बदलाव किए हैं, जिसके तहत अब हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (HRERA) के चेयरमैन और उसके सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार के मामलों में जांच की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।
भ्रष्टाचार या कदाचार के आरोप पर कर सकेंगे जांच
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अगर प्राधिकरण के किसी भी सदस्य पर भ्रष्टाचार या कदाचार के आरोप लगाए जाते हैं, तो सरकार तुरंत कार्यवाही करेगी। यदि ऐसी शिकायतें प्राप्त होती हैं या किसी मामले में खुद संज्ञान लिया जाता है, तो राज्य सरकार अब अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी से प्रारंभिक जांच करवाएगी। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो मामले की जांच उच्च न्यायालय के सिटिंग जज को सौंप दी जाएगी।
इसी तरह, अगर अपील अधिकरण के अध्यक्ष या सदस्य के खिलाफ आरोप होते हैं, तो सरकार सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से प्रारंभिक जांच करवाएगी। इस निर्णय के पीछे उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता और जिम्मेदारी बनी रहे, और नागरिकों का विश्वास प्रणाली में बना रहे।
ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत होगी जांच
राज्य सरकार का यह कदम राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र को और अधिक सुचारू और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। ज़ीरो टॉलरेंस नीति के तहत, हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार और कदाचार के मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और यह बदलाव सरकार की ईमानदारी और पारदर्शिता की ओर एक मजबूत कदम है।