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Charkhi Dadri Fire Station Reality: चरखी दादरी फायर स्टेशन की जमीनी हकीकत जाने उड़ जाएंगे होश, जानें कैसे करोड़ों का ढांचा हो रहा बेहाल

BY: • LAST UPDATED : April 11, 2025

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Inkhabar Haryana, Charkhi Dadri Fire Station Reality: “बिना पानी कैसे बुझेगी आग?” – यह सवाल अब किसी कहावत भर का हिस्सा नहीं, बल्कि चरखी दादरी फायर स्टेशन की जमीनी हकीकत बन चुका है। करोड़ों रुपये खर्च कर बने इस दमकल कार्यालय की हालत बदहाल है। न पर्याप्त कर्मचारी, न पानी का कनेक्शन, और न ही समुचित रखरखाव – ऐसे में अगर कोई बड़ी आग लग जाए तो पूरा जिला गंभीर संकट में पड़ सकता है।

3.15 करोड़ की लागत से बना दमकल

करीब दो साल पहले 3.15 करोड़ की लागत से दमकल विभाग का नया कार्यालय तैयार किया गया। लेकिन आज वह इमारत कंडम होने की कगार पर है। दरवाजों के शीशे टूट चुके हैं, दीवारों में दरारें आ गई हैं, और कार्यालय के चारों ओर अव्यवस्था पसरी हुई है। सबसे हैरानी की बात – आज तक इस भवन में पानी का कनेक्शन नहीं है।

स्टाफ की भारी कमी

एक जिला मुख्यालय स्तर के दमकल कार्यालय में कम से कम 51 कर्मियों की आवश्यकता होती है, जिसमें एक फायर ऑफिसर भी शामिल होता है। लेकिन दादरी में केवल 6 स्थायी और 18 अस्थायी कर्मचारी ही तैनात हैं। ऐसे में आपात स्थिति में ना तो संसाधन पर्याप्त हैं और ना ही मानवबल। दादरी फायर स्टेशन के पास इस समय पांच बड़ी और दो छोटी दमकल गाड़ियां हैं। लेकिन पानी के कनेक्शन की अनुपलब्धता के कारण ये गाड़ियां अक्सर खाली खड़ी रहती हैं। आग लगने की स्थिति में पानी को किराए पर बोरवेल से भरवाया जाता है। कई बार तो कर्मचारियों को अपनी जेब से पैसे खर्च कर पानी खरीदना पड़ता है। बड़ी घटनाओं में हमें रेवाड़ी और भिवानी से दमकल गाड़ियां मंगवानी पड़ती हैं।

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सोलर प्लेटें भी कंडम हो रही हैं

ऑफिस की छत पर करीब 20 लाख रुपये की लागत से लगाए गए सोलर पैनल भी बिना कनेक्शन के धूल फांक रहे हैं। प्रशासन की लापरवाही से करोड़ों की यह परियोजना आज बेकार होती जा रही है। फायर विभाग के अधिकारियों ने दादरी विधायक और जिला प्रशासन से कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की कई बार मांग की, लेकिन अब तक स्थिति जस की तस बनी हुई है।
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