नगर परिषद की बैठक में 21 वार्डों के पार्षद मौजूद थे, जिनमें से 13 पार्षद बैठक में रखे गए एजेंडे से असंतुष्ट नजर आए। इन पार्षदों ने नगर में किए गए विकास कार्यों के खर्च का पूरा विवरण न मिलने पर पारदर्शिता पर सवाल उठाए और कार्यों में धांधली व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा अचानक बैठक बुलाना पार्षदों के साथ भद्दा मजाक है और यह बैठक सिर्फ औपचारिकता निभाने के लिए रखी गई थी।
जब बैठक के अंत में अकाउंटेंट ने रजिस्टर में बैठक रद्द करने के लिए नोट दर्ज करने की कोशिश की, तो वार्ड एक के पार्षद ने आक्रोशित होकर उनके हाथ से पेन छीन लिया और चेतावनी देते हुए कहा कि बैठक पूरी तरह चली है, इसलिए इसमें 13 पार्षदों के विरोध को दर्ज किया जाए। अकाउंटेंट ने जब विरोध दर्ज किया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
बैठक के दौरान पार्षदों ने नगर परिषद के अधिकारियों और चेयरमैन को चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य कराए जाएं और किसी तरह का भेदभाव न किया जाए। पार्षदों का कहना था कि बिना स्पष्ट दस्तावेजों के उन्हें बजट पास करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो कि गलत है।
पार्षदों ने नगर परिषद प्रशासन से मांग की कि:
चेयरमैन बक्शीराम सैनी और नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि बजट की पूरी जानकारी पार्षदों के साथ साझा की गई थी, लेकिन कुछ पार्षद राजनीति के कारण बेवजह हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी विकास कार्यों का पूरा लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा।