Inkhabar Haryana, Child Marriage in Haryana: हरियाणा के नूंह जिले के तावडू उपमंडल के अंतर्गत आने वाले खरकड़ी गांव में बाल विवाह की एक बड़ी कोशिश को जिला प्रशासन ने समय रहते विफल कर दिया। 14 वर्षीय नाबालिग लड़के की शादी की तैयारी की जा रही थी, लेकिन समय पर मिली सूचना और प्रशासन की तत्परता से यह शादी रुकवा दी गई। इस पूरे घटनाक्रम में महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी मधु जैन की भूमिका सराहनीय रही।
सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया
जैसे ही जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी को लड़के की शादी की तैयारी की सूचना मिली, मधु जैन के नेतृत्व में विभाग की एक टीम तुरंत गांव खरकड़ी पहुंची। टीम ने मौके पर पहुंचकर सबसे पहले लड़के की उम्र के दस्तावेजों की जांच की। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि लड़का केवल 14 वर्ष का है, जो कि वैधानिक विवाह आयु (लड़कों के लिए 21 वर्ष) से काफी कम है।
परिवार नहीं माना, कोर्ट से ली गई स्टे ऑर्डर
शादी 11 मई को प्रस्तावित थी और बारात भी तावडू क्षेत्र में ही जानी थी। जब अधिकारियों ने परिवार को बाल विवाह की गंभीरता और इसके दुष्परिणामों के बारे में समझाने की कोशिश की, तो गांव के कुछ लोगों ने इसका विरोध भी किया। हालांकि, बाल विकास टीम ने स्थिति को संभालते हुए लगातार समझाने का प्रयास किया, लेकिन लड़के का परिवार किसी भी कानूनी दस्तावेज, जैसे एफिडेविट देने को तैयार नहीं हुआ। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मधु जैन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और स्टे ऑर्डर प्राप्त कर शादी को रुकवा दिया। इसके बाद विवाह की सारी तैयारियों पर विराम लगा दिया गया।
बाल विवाह के खिलाफ सख्त रुख
महिला एवं बाल संरक्षण अधिकारी मधु जैन ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि लोग शादी के खर्च से बचने या सामाजिक दबाव में आकर बाल विवाह जैसे गैरकानूनी कदम उठाते हैं, लेकिन यह न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। उन्होंने यह भी बताया कि विभाग की ओर से जिलेभर में लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और बाल विवाह जैसी घटनाओं पर सख्ती से कार्रवाई की जाती है। उल्लंघन की स्थिति में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाती है।