सीएम ने जुलाई 2024 में राज्य के सभी जिलों में समाधान शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए थे। इन शिविरों का उद्देश्य नागरिकों की समस्याओं को सुनकर मौके पर समाधान करना है। अब तक इन शिविरों में 88,624 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 67,240 मामलों का समाधान किया जा चुका है। इन शिविरों में विभिन्न विभागों के अधिकारी प्रतिदिन दो घंटे एक स्थान पर मौजूद रहते हैं और जिलाधीश (डीसी) की अध्यक्षता में शिकायतों का निवारण करते हैं।
सीएम ने समीक्षा बैठक में यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जो भी आवेदन समाधान के लिए पोर्टल पर प्राप्त हों, उनका तत्काल निवारण हो। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी लंबित मामले की स्थिति नागरिकों को स्पष्ट रूप से बताई जाए। इस प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए मुख्यमंत्री ने समाधान शिविरों का लाइव टेलीकास्ट करने के भी निर्देश दिए ताकि वे अपने आवास पर बने वॉर रूम से कभी भी अधिकारियों और नागरिकों से संपर्क कर सकें।
सीएम ने बताया कि इन शिविरों के माध्यम से नागरिकों की पीपीपी (परिवार पहचान पत्र), प्रॉपर्टी आईडी, सफाई व्यवस्था और अन्य प्रकार की समस्याओं का समाधान किया गया है। समाधान की प्रक्रिया के बाद मुख्यमंत्री आवास पर बने कन्फर्मेशन सेल से आवेदकों को कॉल कर उनकी संतुष्टि के बारे में जानकारी ली जाती है। इस फीडबैक रिपोर्ट को मुख्यमंत्री स्वयं साप्ताहिक आधार पर समीक्षा करते हैं।
मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने बैठक में सुझाव दिया कि इन शिविरों को और प्रभावी बनाने के लिए नगर निगमों में नगर आयुक्तों की अध्यक्षता में भी आयोजित किया जाए। समाधान पोर्टल के माध्यम से आने वाले आवेदनों की निगरानी मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा की जा रही है, जिससे प्रक्रिया को और तेज़ बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जनता की समस्याओं का समाधान करना हमारी प्राथमिकता है। समाधान शिविर नागरिकों और प्रशासन के बीच एक मजबूत पुल की भूमिका निभा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि हर आवेदन का निवारण तेज़, पारदर्शी और प्रभावी तरीके से हो।