Inkhabar Haryana, CM Nayab Saini: हरियाणा की ऐतिहासिक धरती कुरुक्षेत्र में 29 मई 2025 को एक महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत हुई, जब राज्य के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” का औपचारिक शुभारंभ किया। यह अभियान किसानों को आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है, जिसका लक्ष्य न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना है।
शुभारंभ के अवसर पर विमोचन और संकल्प
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री द्वारा कृषि और बागवानी से संबंधित सात ब्रोशर्स के विमोचन से हुई। इन पुस्तिकाओं में किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं, बाजार मूल्य और फसल सुरक्षा से जुड़ी उपयोगी जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस अवसर पर स्पष्ट रूप से कहा कि यदि किसान खुशहाल और आत्मनिर्भर होगा, तो भारत निश्चित रूप से विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि कृषि और किसान हरियाणा की रीढ़ की हड्डी हैं, और उनकी समृद्धि के बिना देश की प्रगति अधूरी है।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बंद करने का झूठा प्रचार किया गया, जबकि वास्तविकता इसके उलट है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से स्पष्ट किया कि वर्ष 2014 तक कुल MSP 4.24 लाख करोड़ थी, जो बढ़कर 2014 से 2025 के बीच 14.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। सीएम ने किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना के तहत दिए गए 111 करोड़ रुपये का भी उल्लेख किया और कहा कि हाल ही में आगजनी से प्रभावित किसानों को 30 हजार रुपये प्रति एकड़ तक का मुआवजा दिया गया है।
देशव्यापी अभियान का विस्तार
सीएम सैनी ने बताया कि यह अभियान केवल हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे देशभर के 700 से अधिक जिलों में आयोजित किया जाएगा। 29 मई से 12 जून 2025 तक चलने वाले इस अभियान में कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs), कृषि विभाग, पशुपालन, मछली पालन, बागवानी सहित विभिन्न संबद्ध विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और नवोन्मेषी किसान भाग लेंगे। इस पहल में 731 कृषि विज्ञान केंद्र और 113 अनुसंधान संस्थान भी हिस्सा लेंगे, जो गांव-गांव जाकर किसानों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे।
1.5 करोड़ किसानों से सीधा संवाद का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य देशभर के 1.5 करोड़ किसानों तक सीधी पहुंच बनाकर उन्हें नवीन कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं, वैज्ञानिक सलाह और बाजार से जोड़ना है। उन्होंने आम जनता और किसानों से इस अभियान से जुड़ने और अधिकाधिक लाभ उठाने की अपील की।