Inkhabar Haryana, Dhirendra Shastri Katha in Panchkula: हरियाणा के पंचकूला के दशहरा ग्राउंड में 26 मई से चल रही हनुमंत कथा ने पूरे ट्राइसिटी क्षेत्र में श्रद्धा की अनूठी मिसाल पेश की है। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह पहली कथा है जो पंचकूला में आयोजित हो रही है, और इसे लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखा गया।
भव्य कलश यात्रा से हुई शुरुआत
कथा से एक दिन पहले, 25 मई को, पंचकूला में एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें लगभग 2300 महिलाएं शामिल हुईं। बारिश के बावजूद महिलाओं के उत्साह और श्रद्धा में कोई कमी नहीं दिखी। शालीमार ग्राउंड में कीचड़ होने के बावजूद श्रद्धालु महिलाएं पूरे समर्पण के साथ यात्रा में भाग लेती रहीं। यह यात्रा धार्मिक समर्पण का जीवंत उदाहरण बनी।
धीरेंद्र शास्त्री की कथा के लिए आयोजकों ने विशेष तैयारियाँ की थीं। अनुमानित भीड़ को देखते हुए 28 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई। इसके लिए 210 बाई 700 फीट का विशाल पंडाल तैयार किया गया, वहीं 120 बाई 180 फीट का मंच भी सजाया गया था। मंच पर धीरेंद्र शास्त्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी और राज्यपाल के बैठने की विशेष व्यवस्था की गई थी।
सियासी उपस्थिति ने खींचा ध्यान
हालांकि, आयोजन के दिन मुख्यमंत्री नायब सैनी और राज्यपाल, दोनों ही कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए। इस अनुपस्थिति ने लोगों के बीच चर्चा को जन्म दिया। इसके साथ ही, हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल को मंच पर स्थान न दिए जाने से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इस बात ने कार्यक्रम को धार्मिक रंग के साथ-साथ सियासी चश्मे से भी देखने को मजबूर कर दिया।
कथा में उमड़ी भीड़ और श्रद्धा
26 मई से प्रारंभ हुई कथा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। भीड़ इतनी भयंकर थी कि आयोजन स्थल पर पैर रखने की भी जगह मुश्किल से मिल रही थी। लोगों की आँखों में भक्ति और दिलों में आस्था स्पष्ट झलक रही थी। धीरेंद्र शास्त्री ने जैसे ही कथा का शुभारंभ किया, वातावरण ‘जय श्रीराम’ और ‘बजरंगबली की जय’ के नारों से गूंज उठा।