Inkhabar Haryana, Durga Asthami 2025: आज पूरे देश में नवरात्रि के पावन पर्व के अंतर्गत दुर्गा अष्टमी बड़े धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाई जा रही है। यह दिन देवी महागौरी की आराधना के लिए समर्पित होता है। श्रद्धालु 9 दिनों तक उपवास रखकर देवी की पूजा करते हैं और अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का समापन करते हैं। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक आयोजन होते हैं।
भक्तों में दिखा गजब का उत्साह
हरियाणा के अंबाला में भी दुर्गा अष्टमी को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह देखने को मिला। शहर के ऐतिहासिक काली बाड़ी मंदिर में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग गई थीं। मंदिर का इतिहास करीब 150 वर्षों पुराना है और ऐसी मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद माता भद्रकाली जरूर पूरी करती हैं।
क्या हैं मंदिर का इतिहास?
मंदिर के पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मंदिर में स्थापित भद्रकाली की प्रतिमा को विशेष रूप से कोलकाता से लाकर यहां विराजित किया गया था। वर्षों से लाखों भक्त यहां दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर चुके हैं। पुजारी ने बताया कि आज सुबह 4 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए थे और उससे पहले ही भक्त दर्शन के लिए पहुंच चुके थे।
रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु करते हैं पूजा-पाठ
30 मार्च से शुरू हुए चैत्र नवरात्रों के साथ ही मंदिरों में भक्तों की चहल-पहल शुरू हो गई थी। रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पूजा-पाठ के लिए मंदिरों का रुख कर रहे हैं। कोई पूरे नौ दिन का व्रत रखता है तो कुछ भक्त अष्टमी और नवमी को व्रत रखते हुए देवी की आराधना करते हैं। आज अष्टमी के दिन माता के दरबार में विशेष सजावट की गई और श्रद्धालुओं ने महागौरी की पूजा कर कंजक पूजन किया। हालांकि कुछ श्रद्धालु नवमी के दिन कंजक पूजन करना अधिक शुभ मानते हैं।
क्या हैं श्रद्धालुओं का कहना?
मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं का कहना है कि माता भद्रकाली के दरबार में जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह जरूर पूरी होती है। माता के प्रति उनकी आस्था और श्रद्धा देखते ही बनती थी। अंबाला के काली बाड़ी मंदिर में आज का दिन आस्था, भक्ति और अध्यात्म के रंगों से सराबोर नजर आया।