ED की यह कार्रवाई सुबह-सुबह हुई जब असिस्टेंट डायरेक्टर अभय सिंह के नेतृत्व में दो गाड़ियों में सवार होकर टीम जीतपुरा गांव पहुंची। टीम के साथ सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। गांव के खेतों में बने एक मकान में छानबीन की गई।
सूत्रों के मुताबिक, ED की टीम को छानबीन के दौरान कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगे। छापेमारी के दौरान घर का मालिक प्रदीप मौजूद नहीं था, जिसके चलते अधिकारियों ने उसके परिजनों से पूछताछ की। हालांकि, अभी तक कोई बड़ी जानकारी सामने नहीं आई है। प्रदीप गुरुग्राम में शेयर मार्केट ब्रोकर के रूप में कार्यरत है, जबकि उसके पिता ओमबीर एलआईसी एजेंट हैं। ईडी को संदेह था कि क्रिप्टो करेंसी से जुड़े किसी मामले में प्रदीप की संलिप्तता हो सकती है, जिसके कारण यह छापा मारा गया।
क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते चलन के साथ-साथ अवैध लेनदेन की संभावना भी बढ़ी है, जिसके चलते प्रवर्तन एजेंसियां इस पर कड़ी नजर रख रही हैं। इससे पहले भी हरियाणा में कई जगहों पर छापेमारी की गई है। हाल ही में आयकर विभाग द्वारा जिले के एक खनन कारोबारी के परिवार पर भी छापा मारा गया था, जो 64 घंटे तक चला। छापेमारी के बाद पूरे गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। गांव के सरपंच और अन्य स्थानीय लोग भी इस मामले में जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं। हालांकि, अभी तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।